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तूफान मेल न्यूज नाहन।
हाल ही में काला अंब मोगीनंद स्थित सरस्वती लैड फैक्ट्री तथा सन्मति मेटलस पर हुई सेंट्रल इनकम टैक्स विभाग की जांच में लगभग पाक दामन साबित हुई है। पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनकम टैक्स विभाग को यह सूचना मिली थी कि बाइक पर 3 क्विंटल माल ढोया गया है। जिसको लेकर इनकम टैक्स के अधिकारियों ने जब फैक्ट्री प्रबंधन से विस्तृत जांच की तो इसका भी खुलासा हुआ। असल में काला अंब औद्योगिक क्षेत्र में लोकल ट्रांसपोर्टेशन के लिए मोटरसाइकिलों के जुगाड़ू वाहन बनाए गए हैं। जिसमें सीमेंट प्लाई बोर्ड सहित 3 से 4 क्विंटल तक का माल भी जुगाड़ू मोटरसाइकिल में ढोया जाता है। जांच टीम ने जब प्रबंधन से इस बारे में पूछताछ की तो मौके पर ही वाहन को बुलवा लिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इनकम टैक्स की टीम खुद हैरान थी कि मोटरसाइकिल पर भी जुगाड़ू ट्रॉली बक्सा बनाकर माल ढोया जा सकता है। यही नहीं 4 दिनों तक इनकम टैक्स की टीम के द्वारा फैक्ट्री में आने-जाने वाले कच्चा और पक्का माल सहित प्रोडक्शन को भी जांचा गया। बड़ी बात तो यह है कि इनकम टैक्स विभाग के 2 दर्जन से भी अधिक अधिकारियों के द्वारा उन तमाम 32 सीसीटीवी कैमरों का 1 महीने तक का पूरा डीवीआर भी देखा गया। सूत्रों की माने तो इनकम टैक्स अधिकारियों को इसमें भी कहीं बाल बराबर गड़बड़ नजर नहीं आई। मिलाएगा रिकॉर्ड के अनुसार जितने वाहन कच्चा माल लेकर आए और पक्का माल लेकर गए उसका पूरा पूरा मिलान भी हुआ है।
घर से लेकर फैक्ट्री तक तमाम पहलुओं की जांच में विभाग की ओर से लगभग क्लीन चिट मिलना लगभग तय बताया जा रहा है। जबकि इससे पहले भी सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी विभाग तथा स्टेट जीएसटी विभाग भी फैक्ट्री में आने-जाने वाले कच्चे और पक्के माल के बिलों को लेकर जांच कर चुका है। बावजूद इसके तमाम कड़े जांच के पहलुओं से गुजरने के बाद यह फैक्ट्री लोगों को रोजगार देते हुए चली हुई है। अब यदि जांच में कहीं भी कोई गड़बड़ी नजर आती तो ना केवल सेंट्रल जीएसटी बल्कि इनकम टैक्स विभाग भी फैक्ट्री को सील कर देता। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जो फैक्ट्री जिला की सबसे ज्यादा इनकम टैक्स पेयर फैक्ट्री है बावजूद उसके उस पर बार-बार शक की सुई घूमती रही।
जानकारी तो यह भी मिली है कि फैक्ट्री का कारोबार काफी अच्छा है मगर बीते 4 दिनों की जांच के दौरान उनकी दो पार्टियों ने फैक्ट्री से नाता तोड़ लिया है। जानकारी मिली है कि जिन फैक्ट्रियों को सरस्वती स्पिनिंग लेड फैक्ट्री से माल जाना था वह जा नहीं पाया था। वहीं बार-बार इंफोर्समेंट की जांच के चलते फैक्ट्री प्रबंधन का भी मनोबल टूटता सा नजर आने लग पड़ा है।
अब यदि ऐसे में फैक्ट्री प्रबंधन फैक्ट्री को बंद कर देता है तो सैकड़ों लोगों के रोजगार पर संकट आ जाएगा। वहीं एक तरफ जहां प्रदेश सरकार इन्वेस्टर्स को इनवाइट कर रही है। वहीं जो उद्योग सबसे ज्यादा राजस्व टैक्स के रूप में सरकार को दे रहे हैं उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है।फैक्ट्री के वर्करों में इस बात को लेकर काफी रोष है कि उन्हें बेवजह तंग किया जा रहा है। फैक्ट्री वर्कर्स का तो यहां तक कहना है कि यदि बार-बार किस तरह से जांच के नाम पर कार्य को प्रभावित किया गया तो वह धरना प्रदर्शन पर भी उतर सकते हैं।
वहीं फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि उनके द्वारा किसी भी तरह का कोई भी गलत काम नहीं किया जाता है और ना किया जाएगा। उनका यह भी कहना है कि जितने भी विभागों ने फैक्ट्री में जांच की है प्रबंधन के द्वारा उनका पूरा-पूरा सहयोग भी किया गया है।