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तूफान मेल न्यूज कुल्लू। कुल्लू रूपी पैलेस के राजकुमार एवं भाजपा के कदावर नेता महेश्वर सिंह के पुत्र हितेश्वर सिंह लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के हो सकते हैं। महेश्वर सिंह ने वेशक भाजपा को सिंचा हो,लेकिन अब परिस्थियां अलग है। एक समय था जब महेश्वर सिंह की भाजपा में तुती बोलती थी, लेकिन एक समय ऐसा भी आया कि महेश्वर सिंह को उनके ही बनाए नेताओं ने साइड लाइन लगाने में देरी नहीं की।
अब उनके पुत्र हितेश्वर सिंह ने बंजार की राजनीति में तहलका मचा रखा है। पहले विकट परिस्थितियों में दो बार जिला परिषद का चुनाव जीता और तीसरी बार अपनी धर्मपत्नी विभा सिंह का चुनाव जिला परिषद में जिताया। हालांकि पहली बार 2022 में उन्होंने बंजार से भाजपा से टिकट की मांग की और चुनावी मैदान में उतरने का एलान कर डाला। लेकिन उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिला और उनके पिता का भी मिला हुआ टिकट छीन लिया। महेश्वर सिंह के टिकट छिनने का मुख्य कारण हितेश्वर सिंह का आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरना था। भाजपा ने सिटिंग एमएलए सुरेंद्र शौरी को टिकट दिया और कांग्रेस ने भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा को टिकट दिया
। हितेश्वर सिंह आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे और उन्होंने अपने साथ बंजार में कांग्रेस की भी लुटिया डुबोई। 15 हजार मत लेकर कांग्रेस के खीमी राम शर्मा को भी झटका दे दिया और यहां से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र शौरी चार हजार से अधिक मतों से जीते। स्पष्ट था कि सुरेंद्र शौरी के एंटी इक्वेन्सी के वोट हितेश्वर सिंह के साथ चले और खीमी राम को इस वोट बैंक का कोई फायदा नहीं हुआ। इसका सीधा फायदा भाजपा के सुरेंद्र शौरी को हुआ।
अब भाजपा के साथ तो हितेश्वर का छतीस का आंकड़ा है लेकिन कांग्रेस में रामपुर रियासत की रानी के साथ रिश्तेदारी से कांग्रेस में करीबी बढ़ती नजर आ रही है। हितेश्वर सिंह के पॉकेट में एक ऐसा वोट बैंक है जो स्थाई है और इसका फायदा कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में अवश्य होगा। बताया जा रहा है कि सीएम सुखविंदर सिंह सूक्खु भी इस पक्ष में है।
महेश्वर सिंह के अनुज कर्ण सिंह भी हो चुके हैं कांग्रेस में शामिल बने मंत्री
इससे पहले महेश्वर सिंह के अनुज पूर्व मंत्री कर्ण सिंह भी बगावत कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और बंजार से रिकार्ड मतों से जीत हासिल कर केबिनेट मंत्री भी बने। इससे पहले कर्ण सिंह भाजपा में प्राथमिक शिक्षा मंत्री भी रहे थे। जब भाजपा ने उनके साथ टिकट भेदभाव कर बंजार से टिकट बदल कर मनाली किया था तो कर्ण सिंह नए विस क्षेत्र में हार गए थे। फिर कर्ण सिंह ने भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस का दामन थामा था और बंजार से रिकार्ड मतों से सिटिंग मंत्री खीमी राम शर्मा से जीते थे और बीरभद्र सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे। उस समय कुल्लू रूपी पैलेस में भाजपा-कांग्रेस के झंडे आमने-सामने लहरा रहे थे। एक समय ऐसा भी आया था जब महेश्वर सिंह ने हिलोपा का गठन किया था और उस समय राजमहल में दोनों तरफ खुशियां थी। कर्ण सिंह बंजार से चुनाव जीते थे और मंत्री बने थे जबकि महेश्वर सिंह कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से हिलोपा से विधायक बने थे।
पूर्व मंत्री कर्ण सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व
दूसरे फोटो में अपनी धर्मपत्नी डाक्टर शिवानी सिंह के साथ
धाऊगी वार्ड से रिकार्ड मतों से जीती है विभा सिंह
हितेश्वर सिंह की धर्मपत्नी विभा सिंह को जैसे ही पहली बार राजनीति में उतारा गया तो उनके व्यवहार के सभी दीवाने हो गए। विभा का आकर्षक भाषण सभी को भा गया और उनके सौम्य व्यवहार व तीव्र वुद्धिमता से वह जिला परिषद का चुनाव रिकार्ड मतों से जीती। जबकि विभा के सामने कांग्रेस व भाजपा के दिग्गज नेताओं के समर्थित प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे।
रामपुर रियासत की बेटियां हैं विभा व रविजा सिंह
कुल्लू के रुपी राजघराना वेशक राजनीतिक परिदृश्य से रामपुर की रियासत के साथ टक्कर में रहा। लेकिन यह भी सच है कि रूपी राज घराने की दोनों बहुएं रामपुर राज घराने से ही हैं। महेश्वर सिंह के बड़े पुत्र दानवेंद्र सिंह की धर्मपत्नी रविजा सिंह व छोटे पुत्र हितेश्वर सिंह की धर्मपत्नी विभा सिंह का मायका भी रामपुर राज घराने में हैं।
कौन है महेश्वर सिंह
महेश्वर सिंह भाजपा के कदावर नेता हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और चार बार लोकसभा व राज्य सभा सांसद रह चुके हैं। दो बार भाजपा से व एक बार हिलोपा से विधायक रह चुके हैं। महेश्वर सिंह एक बार सीपीएस भी रह चुके हैं और भाजपा के कई ओहदों पर रहे। प्रतिभा सिंह को लोकसभा चुनाव में हरा चुके हैं महेश्वर सिंह। वर्तमान में भाजपा के नेता है पर साइड लाइन बिठा दिए गए हैं।