रोपवे मामले में देवनीति की आड़ में हो रही राजनीतिढालपुर में बोले खराहल घाटी के पंचायत प्रतिनिधि


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तूफान मेल न्यूज कुल्लू। हिमाचल प्रदेश का जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दौरा किया गया। तो वह बार-बार में बिजली महादेव रोवर की बात करते थे। अब जब कांग्रेस सरकार उस रोपवे के कार्य को पूरा करने जा रही है तो कुछ लोग देव नीति की आड़ में राजनीति कर रहे हैं। ढालपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए खराहल घाटी की बंदल पंचायत के प्रधान गोपाल सिंह ने बताया कि पूर्व भाजपा सरकार ने भी इसी रोपवे को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कही और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। लेकिन आज कांग्रेस सरकार के द्वारा इस कार्य को पूरा किया जा रहा है। तो भाजपा के लोग भी सोच रहे हैं कि वह इस मामले में प्रधानमंत्री को क्या जवाब देंगे।

जबकि सच्चाई यह है कि इस रोपवे के बनने से खराहल घाटी के हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। पंचायत प्रधान गोपाल सिंह ने बताया कि सीपीएस सुंदर ठाकुर इस मामले में लगातार कार्य कर रहे हैं और जनता उनके कार्य को पसंद भी कर रखी है। उन्होंने बिजली महादेव मंदिर कमेटी पर भी तंज कसते हुए कहा कि रोपवे निर्माण के लिए मंदिर कमेटी के द्वारा ही जगह चिन्हित की गई और उन्होंने भी अपनी अनुमति दी थी। लेकिन अब क्या कारण रहे कि वह अपनी बात से मुकर रहे हैं और इस रोपवे के बनने का विरोध कर रहे हैं। अगर देवता का आदेश होता तो मंदिर कमेटी के द्वारा पहले ही जनरल हाउस बुलाया जाना चाहिए था। पंचायत प्रधान गोपाल सिंह कहा कि खराहल घाटी में पहली बार 240 करोड़ रूपए की कोई योजना आई है। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों का भी दायित्व बनता है कि वह रोपवे से होने वाले फायदे के बारे में घाटी की जनता को जागरूक करे। उन्होंने कहा कि इस रोपवे का विरोध चंद लोग ही कर रहे हैं। जबकि पूरे खराहल घाटी के जनता यह चाहती है कि बिजली महादेव रोपवे का निर्माण किया जाना चाहिए। ताकि खराहल घाटी में विकास को नई दिशा मिल सके

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