सात दिवसीय भागवत कथा का समापन


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तूफान मेल न्यूज,सरकाघाट। जिला मंडी के अंतर्गत आने वाला सरकाघाट उपमंडल के पोंटा के चुहकू गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का विधिवत तरीके से समापन हो गया और इस दौरान सैकड़ों महिलाओं ने भागवत की विदाई भजन गाते और संकीर्तन करते हुए तथा नाचते गाते हुए विदाई थी इस मौके पर आचार्य नवीन चंद्र गौतम द्वारा प्रतिदिन दोपहर 1:00 से भागवत कथा का वाचन किया जिसमें उन्होंने भगवान के अवतारों का और भागवत में भगवान कृष्ण की लीलाओं का रुक्मणी विवाह वामन अवतार सुदामा चरित्र गोवर्धन पूजन भगवान कृष्ण की जन्म की कथा सुना करके उपस्थित सैकड़ों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया यह कार्यक्रम स्वर्गीय ताराचंद की यादगार में आयोजित किया गया इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान जमुना देवी पूर्ण चंद मीना देवी रंगीला राम निर्मला देवी प्यार चंद विद्या देवी पुत्र पुत्री सह परिवार सहित श्रीमद्भागवत का भव्य आयोजन किया गया इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागवत की विदाई आस्था और श्रद्धा के साथ की वाद्य यंत्रों के साथ विभिन्न स्थानीय भजनों की धुन पर नृत्य भी किया भागवत की समापन यात्रा की विदाई महिलाओं ने पूरे बाजार तथा गांव में पूरा माहौल संगीतमय बना दिया इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित हुए और प्रतिदिन 7 दिन तक तो है भगवान का पूजन किया गया और शंकर ओं की संख्या में श्रोताओं ने कथा को सुना और प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भंडारे का आनंद भी लिया और इस अवसर पर सभी दिनों में संगीतज्ञ लोगों ने रात्रि को भिन्न-भिन्न कार्यक्रम भी उपस्थित किए और उसे सुनने के लिए भी सैकड़ों की संख्या में लोग पंडाल में पहुंच जाते थे तत्पश्चात अंतिम दिन कुल ब्राह्मणों के द्वारा और विद्वानों के द्वारा हवन किया गया कन्या पूजन इत्यादि करके भागवत कथा का विधिपूर्वक से समापन किया गया।

इस अवसर पर आचार्य नवीन चंद्र गौतम ने उपस्थित सभी श्रोताओं को कथा के माध्यम से समझाया की यह जीवन केवल खाने-पीने हंसने गाने के लिए नहीं है इसमें प्रभु का स्मरण भी करें पर इस मौके पर उन्होंने उपस्थित श्रोताओं के लिए इस कथा के माध्यम से यह घाव प्रक्रिया की विषम परिस्थिति पर आने में भी व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए जैसे राजा परीक्षित को 7 दिन के बाद मरने का श्राप लगा था तो वह अपने जीवन में कभी नहीं घबराए और उन्होंने डट करके संकट का समय निकाला इसी के साथ उन्होंने कहा कि कथा सुनने से कई लोगों का जीवन परिवर्तित हो जाता है जैसे पाप कर्म वाला व्यक्ति और बुरी संगत में जाने वाला व्यक्ति तथा अन्य तथा अन्य बुरे व्यसनों में पड़ा हुआ व्यक्ति भागवत कथा सुनने से सब कुछ ऐसी बुरी चीजों को छोड़ देता है उन्होंने इस अवसर पर कहा कि व्यक्ति को बुरी चीजें जैसे शराब पीना जुआ खेलना बेकार की संगत करना तथा प्रकृति के विरुद्ध हम लोग अपना जीवन यापन कर रहे हैं उसे सही तरीके से आध्यात्मिक दृष्टि से जिए तथा बुरी चीजों को त्यागने के उपाय भी बताएं जिन उपायों को सुनकर के प्रिय एक दर्जन से ज्यादा लोगों का जीवन परिवर्तित हो गए इन 7 दिनों में

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