पीपल जातर मेला: झेचे री लाणी शोहरी गीत पर मचा धमालकुशल वर्मा- डाबे राम कुल्लवी के नाम रही बसंतोत्सव की दूसरी सांस्कृतिक संध्या


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तूफान मेल न्यूज कुल्लू।

ऐतिहासिक लालचंद प्रार्थी कलाकेंद्र में बसंतोत्सव की दूसरी सांस्कृतिक संध्या प्रसिद्ध लोक कलाकार कुशल वर्मा और प्रसिद्ध लोक कलाकार डावे राम कुल्लवी के नाम रही। ठंड के बीच जब कलाकेंद्र दोनों कलाकारों के गीत गूंजे तो दर्शक झूमने पर विवश हो गए। वहीं, दूसरी सांस्कृतिक संध्या में मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड ने बतौर मुख्यातिथि शिकरत की। नगर परिषद कुल्लू के अध्यक्ष गोपालकृष्ण महंत सहित अन्य पार्षदों ने

मुख्यातिथि का जोरदार स्वागत किया। वहीं, दूसरी सांस्कृतिक संध्या में महिला मंडल कशमटी बबेली ने कुल्लवी नाटी प्रस्तुत की। इसके बाद शेर सिंह, जन्गेशठाकुर, महिंद्र, सोनिया, अमित कुमार, अमिता शर्मा, कुशल ने प्रस्तुति दी। जबकि महिला मंडल छबोली आनी की नाटी खास रही। सोनू, मंजुा, कांता, कमल, सूर्या शर्मा, कमलेश छाकुर, तानिया, दामिनी, संजय ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वहीं, महिला मंडल नंदी ग्राम निरमंड ने भी प्रस्तुति दी।

नृत्य कला मंच के अलावा गीता सागर, उर्मिला नेगी, प्रणा शर्मा ने भी अपनी प्रस्तुतियां पेश की। वहीं, डी पायरेट्र्स ने डांस प्रस्तुत किया। आन्या ने गीत प्रस्तुत किया। ऋषिता कौंडा ने डांस पेश किया। शाईना ठाकुर, आईएस चांदी, मान चंद, भूपेंद्र ठाकुर, सोम दत्त, राजेश, ओमप्रकाश, गोपाल चौधरी, सोहन सागर, जीवन बुडाला, अनिल सूर्यावंशी ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। जबकि सीएम तोषी ने भी दर्शकों को अपने गीतों को प्रस्तुत कर खूब झुमाया।

इसके अलावा स्प्रिंग क्वीन प्रतियोगिता आकर्षण रही। जबकि हेमराज भारद्वाज ने भी गीतों की झड़ी लगाकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। वहीं, प्रसिद्ध कलाकार डाबे राम कुल्लवी ने अपने धारा पौरा रा धारटू मैं नहीं भाड़ी शोहरी तेरे से बांकी, सेऊआ नीबू बोला सीजन तारा लाड़ी संग बोला बिछडू बोला म्हारा आ, मैं केरू ती प्यार तें केरी बेफाई, बाइट बाइट फेस तेरा, घौरा तेरे बांगलू कुल्लवी गीतों को पेशकर दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया। इसके अलावा प्रसिद्ध कलाकार गायक कुशल वर्मा ने झेचे री लाणी शोहरी, रंग बरसे बड़ा बांका,

आमा जुले लाहुले री टोपी बड़ी बांकी, हांए इंद्रा लाडि़ए, तो पीछे हुआ बदनामा चंबे री बामणिए, रोहडू जाणा मेरी आमिए, पेडल मारी मारी साइकल तू चलांदी आदि कुल्लवी गीतों को पेशकर पीपल मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या को खास बनाया।

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