वन अधिकार कानून 2006 को लेकर ग्राम पंचायत नोडल अधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन


Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
Spread the love

बंजार ब्लॉक के मीटिंग हॉल में प्रशासनिक अधिकारियों सहित सहारा संस्था के पदाधिकारी रहे मौजूद

वन अधिकार कानून को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने पर बंजार में होगा दो दिवसीय ग्राम सभा सम्मेलन

उपमंडल बंजार में एफआरए कानून को क्रियान्वन करने के लिए प्रशासन करेगा यथा संभव सहयोग- हेम चन्द वर्मा

तूफान मेल न्यूज,बंजार

आज से करीब 17 वर्ष पूर्व भारत की संसद द्वारा आदिवासी एवं परंपरागत वनवासियों के लिए वन अधिकार कानून 2006 पारित किया गया था, जिसे वर्ष 2008 से पूरे देश में लागू कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में भी अब इस कानून को लागू करने की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। यह कानून स्थानीय लोगों को अपने जल, जंगल और जमीन के संरक्षण, प्रवंधन और विकास का अधिकार देता है। इस कानून के प्रभावी तरीके से लागू होने पर स्थानीय लोगों के निजी व सामुदायिक पारंपरिक वन अधिकार, खेती व रिहाइश के लिए वन भूमि के उपयोग के अधिकार, लघु वन उपज तथा टीडी इत्यादि के सभी मूल अधिकार बहाल होने है।

इसी कड़ी में बंजार प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायत के नोडल अधिकारियों एवं सचिवों के लिए वन अधिकार कानून को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ब्लॉक मीटिंग हॉल में बुधवार को एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय कार्यशाला में उपमंडल स्तरीय समिति के अध्यक्ष एवं एसडीएम बंजार हेमचंद वर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। इसके अलावा तहसीलदार बंजार रमेश कुमार, खण्ड विकास अधिकारी केहर सिंह ठाकुर, पंचायत निरीक्षक, सहारा संस्था और हिमालय नीति अभियान के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है। इस दौरान सहारा संस्था के निदेशक राजेन्द्र चौहान, हिमालय नीति अभियान के सदस्य हरी सिंह, सहारा संस्था के सदस्य स्वर्ण सिंह, पदम सिंह, खेम सिंह और नागेंद्र बतौर रिसोर्स पर्सन मौजूद रहे।

उपमंडल स्तरीय समिति के अध्यक्ष एवं एसडीएम बंजार ने वन अधिकार कानून की प्रक्रिया में तेजी लाने का आह्वान किया है। इस दौरान ग्राम पंचायत नोडल अधिकारियों को आ रही समस्याओं पर भी चर्चा की गई और 90 दिन की अबधि को कैसे पूरा करे तथा पहले से गठित वन अधिकार क्मेटियो को पुनः बनाने पर भी जोर दिया गया। इन्होंने उपमंडल बंजार को हिमाचल प्रदेश में सब से पहले वन अधिकार कानून को क्रियान्वयन करने के लिए प्रशासन की ओर से हर संभब सहायता मिलने का आश्वसन भी दिया है।

इस कार्यशाला में सहारा संस्था के निदेशक राजेन्द्र चौहन ने दावे पेश होने की सारी प्रक्रिया पर विस्तृत से प्रशिक्षण दिया और सभी पंचायत नोडल अधिकारियों को आश्वस्त किया कि सहारा और हिमालय नीति अभियान संस्था जनता की और वन अधिकार कमेटियों की हर स्तर पर सहायता करने के तत्पर है।

राजेन्द्र चौहान ने बताया कि सहारा तथा हिमालयन नीति अभियान संस्था द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से दिनांक 21 तथा 22 अप्रैल को खण्ड बंजार के मीटिंग हॉल में ग्राम सभा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें उपमंडल बंजार की 57 कमेटियों के पदाधिकारी एवं सदस्य भाग लेंगे। इन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यशाला में जिला स्तरीय समिति के अध्यक एवं जिलाशीश
कल्लू बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगें।

इसके इलावा बंजार एसडीएलसी के अधाक्ष एवं एसडीएम बंजार हेम चन्द वर्मा, वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी गणों, जिला परिषद कुल्लू के अध्यक्ष पंकज परमार, डीएलसी कुल्लू की सदस्य विभा सिंह, पूर्ण चन्द,आशा शर्मा और सदस्य मान सिंह आदि को भी आमत्रित किया गया है।

इस कार्यशाला में मुख्य रिसोर्स परसन एवं प्रशिक्षक राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ होगे जो सामुदायिक वन संसाधन के संरक्षण एवं प्रबंधन पर महारथ हासिल किए हुए है। इनमें आर श्री धर, दीलिप गौडे, डा. किशोर मोंगे, वीरेन्द्र कुमार, सुधाशू देव, डा.अमित कलसकर, संदीप मिन्हास, कुलभूषण उपमन्यु, गुमान सिंह और अदिति चच्यानी आदि अपने अपने अनुभव साझा करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!