घोटाला:केंसर पीड़ित आयुष्मान के ईलाज को एकत्र धन पर घोटाला,एक चैरिटेबल संस्था ने दिए फेक बिल 8.20 लाख में खरीदे इंजेक्शन 11.90 लाख का दिया बिल


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तूफान मेल न्यूज ,कुल्लू।
जिला कुल्लू के भुंतर स्थित केंसर पीड़ित 7 वर्षीय आयुष्मान के इलाज के लिए दानियों द्वारा एकत्र किए धन पर एक चैरिटेबल संस्था ने जहां कुंडली जमा रखी है वहीं खरीदे गए इंजेक्शन में घोटाला किया गया है। इसका खुलासा दिल्ली की एक संस्था ने किया है और पुलिस से इस घोटाले के पर्दाफाश करने की गुहार लगाई है। घोटाला करने बाली संस्था भी जिला कुल्लू के कलेहली की बताई जा रही है। इस संस्था ने पहले आयुष्मान के इलाज के फोटो,वीडियो सोशल मीडिया में जारी। की और आयुष्मान के इलाज के लिए दानियों से दान देने की गुहार लगाई।

इंजेक्शनों की खरीद का असली बिल

दिल्ली की इस संस्था का दावा है कि उक्त चैरिटेबल संस्था ने बहुत सारा धन आयुष्मान के इलाज के एकत्र किया और वह एकत्रित धन भी आयुष्मान के इलाज को अभी तक जारी नहीं किया है। यही नहीं आयुष्मान को जो इंजेक्शन बाहर से बुलाये जाने थे उसमें भी घोटाला किया गया है। डॉक्टरों ने जब इंजेक्शन बुलाने को कहा तो आयुष्मान के माता -पिता को समझ नहीं आ रही थी कि यह कैसे खरीदे जाए और माता-पिता उक्त चैरिटेबल संस्था के संपर्क में थे और चैरिटेबल संस्था ने आयुष्मान के पिता को 11.39 लाख खाते में ट्रांसफर करने को कहा।

आयुष्मान के पिता ने यह धन राशि ट्रांसफर कर दी और चैरिटेबल संस्था ने 10 इंजेक्शन उनको खरीदकर दिए और 11.90 लाख का बिल भी थमाया। जबकि इन इंजेक्शनों की वास्तविक कीमत 8. 20 लाख है। दिल्ली की उक्त संस्था ने इस विषय पर जब दवाई विक्रेता से बात की तो पता चला कि असली विल और 8.20 लाख का है जबकि चैरिटेबल संस्था दवाई विक्रेता से नकली विल 11.90 लाख का बनाकर ले गए है। दिल्ली की उक्त संस्था के पास यह दोनों बिल उपलब्ध है।

एकत्र धन राशि पर भी जमाई कुंडली
दिल्ली की संस्था ने दावा किया है कि कलेहली की इस चैरिटेबल संस्था के खाते में आयुष्मान के इलाज के लिए लाखों रुपए एकत्र हुए हैं लेकिन वह आयुष्मान के इलाज को अभी तक नहीं दिए गए। इसके अलावा चैरिटेबल संस्था ने कई स्कूलों व अन्य लोगों के पास जाकर भी धन एकत्र किया है वह धन भी इलाज को नहीं दिया गया है।

आयुष का पीजीआई चंडीगढ़ में होना है बोन मैरो ट्रांसप्लांट

जिला कुल्लू के भुंतर का 7 साल का आयुष्मान जहां कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। वहीं, अब उसे इलाज के लिए 50 लाख रुपए की आवश्यकता है। आयुष का पीजीआई चंडीगढ़ में बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया जाना हैं और तुर्की से इस इलाज के लिए इंजेक्शन मंगवाया जाना था लेकिन आयुष्मान के परिजन इतना खर्च करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में अब आयुष के इलाज के लिए परिजनों को निगाहे समाज सेवी संस्थाओं पर टिकी हुई है।
बीते दिन काफी समाजसेवी संस्थाएं और समाजसेवी मदद को आगे आए है। लेकिन ऐसी भी संस्था सामने आई है जिसने केंसर पीड़ित बच्चे के इलाज के धन पर ही घोटाला किया है।

निजी स्कूल में प्रिंसिपल है आयुष्मान के पिता

आयुष के पिता प्रमोद शर्मा शाड़ाबाई के एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल है। उनका बेटा आयुष शर्मा 7 साल का है जो तीसरी क्लास में न्यू ईरा मॉडर्न स्कूल में पढ़ता है। वहीं, आयुष के कैंसर का इलाज दो वर्षों से पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा है।

3.39 लाख का बिल घोटाला
कुल्लू जिला के कलेहली की एक चैरिटेबल संस्था ने आयुष्मान के इलाज में लगने बाले इंजेक्शनों में 3.39 लाख का घोटाला किया है। यही नहीं इस संस्था के पास आयुष्मान के इलाज के लिए जो धन एकत्र हुआ है उस पर भी कुंडली जमा रखी है जबकि आयुष्मान के इलाज के लिए धन की बेहद आवश्यकता है।

समाजसेवी दिल्ली

जवाब आया है
उधर खबर प्रकाशित होने के तुरंत बाद उक्त चैरिटबल संस्था का जवाब आया है कि यह आरोप निराधार है। संस्था ने कहा है कि एक भी पैसे की हेराफेरी नहीं है। कहा कि एक-एक पाई का हिसाब-किताब संस्था के पास है। संस्था के संचालकों ने कहा कि यदि इस तरह समाजसेवियों पर आरोप लगते रहे तो भविष्य कोई भी असहाय लोगों की मदद नहीं करेगा।

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