इंसानों को खदेड़ कर कुल्लू-भुंतर बनेगा सुंदर,अमानवीय तरीके की भयावह तस्वीर आई सामने

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भुंतर से खदेड़े प्रवासियों को सुंदरनगर छोड़ने की थी योजना
तूफान मेल न्यूज सुंदरनगर।
सूक्खु सरकार में सुंदरता के नाम पर अमानवीय क्रूरता की खोफनाक तस्वीर सामने आई है। प्रदेश सरकार में सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर के कुल्लू व भुंतर को सुंदर बनाने की योजना है। इसके तहत कुल्लू में तो सभी रेहड़ी-फहड़ी बालों की रोजीरोटी छीनी जा चुकी है लेकिन अब भुंतर की सूरत बदलने के मास्टर प्लान की पोल भी खुल गई है। रात के अंधेरे में भुंतर से मंगलवार देर शाम दो ट्रकों में भरकर लगभग 150 प्रवासियों को परिवारों सहित सुंदरनगर में छोड़ने की कोशिश की गई। ट्रकों में प्रवासी महिलाएं और बच्चो को अमानवीय तरीके से ठूंस-ठूंस कर भरा गया था और सांस तक लेना मुश्किल हो रहा था। बच्चे बिलख रहे थे और मां-बाप सर से छत उजड़ने के गम में थे।


हैरानी की बात यह है कि प्रवासियों को रात के अंधेरे में गुपचुप तरीके से भुंतर प्रशासन, पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारियों ने कुल्लू से खदेड़ कर अन्य जिलों में भेज दिया। जैसे ही ये ट्रक सुंदरनगर के रोपा में प्रवासियों को उतारने के लिए रुका तो स्थानीय पुलिस को भनक लग गई।
इस पर पुलिस थाना सुंदरनगर की टीम ने तुरंत कार्रवाई अमल में लाते हुए मौके पर प्रवासियों को उन्हीं ट्रकों में बिठाकर मंडी की सीमा से बाहर भेज दिया। लेकिन इस मामले ने सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर, कुल्लू प्रशासन, पुलिस और अन्य विभागों के भुंतर शहर के सौंदर्यीकरण और झुग्गी-झोपड़ी मुक्त बनाने के मास्टर प्लान की असलियत को जगजाहिर कर दिया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने की मांग की है।


उधर एएसपी सागर चंद्र ने बताया कि कुल्लू प्रशासन द्वारा प्रवासियों को गाड़ी में उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया था, लेकिन उन्होंने सुंदरनगर के रोपा में अवैध रूप से झोपड़ी लगाने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रकों में फिर से गंतव्य की तरफ रवाना कर दिया है।

कुल्लू से पहले ही खदेड़े चुके हैं रेहड़ी-फहड़ी बाले
हैरानी इस बात की है कि कुल्लू को सुंदर बनाने के नाम पर सैंकड़ो लोगों की रोजी-रोटी तबाह कर दी। जबकि होना यह चाहिए था कि पहले उजड़ने बाले परिवार को बसाना चाहिए था उसके बाद कुल्लू को सुंदर बनाने की योजना तैयार करनी थी। लेकिन यहां तानाशाही पूर्वक लोगों को हटाया गया और उनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई जबकि यह जिम्मेदारी सरकार की होती है।

कुल्लू में 200 से अधिक चूल्हे हुए बंद
कुल्लू को सुंदर बनाने के नाम पर यहां 200 से अधिक परिवार की रोजी रोटी छिन चुकी है। उन्हें बसाने के बजाए खदेड़ा गया है।

बेखर लोगों का बारिस कौन
हैरानी इस बात की भी है कि कुल्लू में रेहड़ी-फहड़ी बालों को वेरोजगार कर दिया और उन्हें बसाने की कोई योजना नहीं। इसी तरह भुंतर से प्रवासी खदेड़े गए लेकिन उनकी आगे की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिस कारण प्रदेश की मीडिया ने इसे अमानवीय घटना करार दिया है।

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