तूफान मेल न्यूज,भुंतर
पीपल राइट्स एंड कल्चर संस्था कुल्लू के अध्यक्ष जीसी चंबयाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए बड़े नेताओं द्वारा हिमाचल में नयें जिले बनाने की बातें ताजा की । संस्था के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह सुख्खू को मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से याद दिलाया है कि एक समय कांग्रेस व भाजपा सरकारों ने स्वयं ही रामपुर और पालमपुर को भौगोलिक व प्रशासनिक आधार पर नए जिले बनाने की बात कही थी । पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र के कार्यकाल 1985 से नये जिले बनाने का मामला प्रकाश में लाया था और बाद में पीच्छे हट गये। पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद शांता कुमार की सरकार में 1992 में नूरपुर को भी जिला बनाऐ जाने का मामला उठाया गया। 2002 में धूमल सरकार के राज में सरकाघाट और करसोग के.नाम भी उछाले गये।पूर्व मुख्यमंत्री पीके धुमल ने तो एडीएम तक सभी जगह तैनात तक कर दिऐ थे पर बाद में हटाऐ गये पर नये जिलों पर अंतिम फैसला कोई भी सरकार न कर पाई, जबकि पहल सरकारों द्वारा ही की गई और नयें जिले को लटकाने में भी दोनों ही दल रहे। जनता भी आशाबादी थी कि प्रशासन जनता के द्वार तक पहंचने बाला है । पंजाब ने नये जिले बनाए, हरियाणा ने भी नये जिले बनाऐ, उत्तराखंड ने बनाऐ,राजस्थान व मध्यप्रदेश ने भी अभी-अभी प्रशासनिक आधार पर नये-13 नये जिले बनाऐ ।परंतु हिमाचल प्रदेश की सरकारें खुद ही मामले ऊठाती रही और खुद ही ठंडे बस्ते में डालती रही।हिमाचल कि जनता भी दूरी को कम करने के लिए बड़ी आशावादी थी पर ऐसा हो न सका।ये सभी आम जनता के हितसे जुड़े मामले थे।अब जनता ने आप पर विश्वास व्यक्त किया है,क्या मानना है कि आपकी सरकार इन जनहित के लंबित मामलों पर व्यापक जनहित में निकट भबिष्य में अंतिम फैसला लेगी।