डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में नहीं है ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर


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ड्रॉप ऑफ होप ग्रुप लगातार उठा रहा मांग
तूफान मेल न्यूज ,सिरमौर।
सिरमौर जिला के नाहन स्थित प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों में शुमार डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन अरसा 6 वर्ष बाद भी सिरमौर जिला के लोगों की कसौटी पर खरा नहीं उतर पा रहा है। जहां मेडिकल कॉलेज नाहन के भवन का निर्माण कार्य पिछले करीब 6 महीने से बंद पड़ा है तो वही मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर की सुविधा शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज नाहन के रक्त कोष में भले ही सिरमौर जिला के रक्तदाता प्रतिदिन रक्तदान कर रहे हो परंतु मरीजों को अभी भी प्लेटलेट व प्लाज्मा के लिए आईजीएमसी शिमला पीजीआई चंडीगढ़ चंडीगढ़ सेक्टर 32 के राजकीय मेडिकल कॉलेज के अलावा अन्य संस्थानों में दौड़ भाग करनी पड़ रही है ।ऐसे में मरीजों व उनके तीमारदारों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। जिला सिरमौर के नाहन की विभिन्न समाजसेवी संस्थाएं इस सिलसिले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन व हिमाचल सरकार से स्थानीय विधायक अजय सोलंकी के माध्यम से डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन के ब्लड बैंक में रक्त घटक विभाजक सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग लगातार कर रहे हैं। बावजूद इसके अभी भी यह सुविधा सिरमौर जिला के लोगों को मेडिकल कॉलेज नाहन में नहीं मिल पा रही है। गौर हो के मेडिकल कॉलेज नाहन में ब्लड बैंक तो उपलब्ध है तथा यहां पर दाखिल मरीजों के लिए ब्लड भी उपलब्ध हो जाता है ।परंतु मरीजों के लिए जब प्लेटलेट्स व प्लाज्मा की जरूरत होती है तो मेडिकल कॉलेज नहान के चिकित्सक उन्हें पीजीआई, आईजीएमसी शिमला व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के लिए भेज देते हैं। जिस कारण मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता है। यही नहीं मेडिकल कॉलेज नाहन में रक्तदान करने वाले युवाओं का कहना है कि इससे उनके रक्तदान का जो उद्देश्य है वह पूरा नहीं हो पाता है ।ब्लड कॉम्पोनेन्ट सेपरेटर ना होने का सबसे अधिक नुकसान गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ रहा है। अधिकतर मामलों में महिलाओं को प्लेटलेट्स की कमी व प्लाज्मा की जरूरत डिलीवरी के दौरान रहती है खून की जरूरत को पूरा कर दिया जाता है लेकिन ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर ना होने से महिलाओं को प्लेटलेट्स व प्लाज्मा की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है ।ऐसे में उन्हें उच्च स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर कर दिया जाता है। गौर हो कि डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन की स्थापना वर्ष 2016 में हुई थी। तब से लगातार मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं की मांग सिरमौर जिला के लोग कर रहे हैं। यही नहीं ड्रॉप ऑफ होप ग्रुप नाहन के सदस्य लगातार जरूरत पड़ने पर रक्तदान के लिए 24 घंटे तैयार रहते हैं । ड्रॉप ऑफ होम के संचालक ईशान राव का कहना है कि जब मरीजों को रक्त के अलावा प्लेटलेट्स व प्लाज्मा की आवश्यकता होती है तो मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में ब्लड कॉम्पोनेंट्स सेपरेटर की सुविधा ना होने के कारण उनकी समाज सेवा पर पानी फिर जाता है। गौर हो कि रक्तदान करने के बाद खून में लाल रक्त कोशिकाओं के अलावा प्लेटलेट्स व प्लाज्मा सहित अन्य कई जीवन रक्षक घटक उपलब्ध होते हैं। इन घटक को अलग अलग करने के लिए ब्लड कंप्लेंट सेपरेटर यूनिट की स्थापना की आवश्यकता रहती है। जरूरत पड़ने पर मरीजों को दान किए गए रक्त में से यह तमाम घटक अलग-अलग निकाले जाते हैं।
सिरमौर जिला के अलावा आईजीएमसी शिमला पीजीआई चंडीगढ़ व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में रक्त उपलब्ध करवाने वाले नाहन के जाने-माने समाजसेवी ड्रॉप ऑफ होप के संचालक ईशान राव का कहना है कि उनका पूरा समूह रक्तदान के लिए 24 घंटे तैयार रहता है ऐसे में मेडिकल कॉलेज नाहन में तुरंत इसकी स्थापना की जाए।

क्या कहते हैं डाक्टर ;-
मेडिकल कॉलेज नाहन के ब्लड बैंक में ब्लड कॉम्पोनेंट्स सेपरेटर की एक पूरी प्रपोजल तैयार कर सरकार को भेज दी गई है। यह सही है कि ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर ना होने की वजह से मरीजों को प्लाज्मा व प्लेटलेट्स की सुविधा नहीं मिल पाती है। उम्मीद है कि शीघ्र मेडिकल कॉलेज नाहन में भी यह सुविधा उपलब्ध होगी:
डॉ निशि जसवाल
प्रभारी
ब्लड बैंक, मेडिकल कॉलेज, नाहन

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