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72 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के 121 प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, शारीरिक शिक्षकों ने लिया भाग
तूफान मेल न्यूज ,कुल्लू।
भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्कूल एड्स शिक्षा कार्यक्रम को बढ़ाने और सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम को लागू करने का निर्णय लिया है केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित सभी निजी स्कूलों में भी इस कार्यक्रम को लागू किया जा रहा है कार्यक्रम के बारे में तमाम स्कूलों के प्रधानाचार्य शारीरिक शिक्षकों को जानकारी देने के उद्देश्य से कुल्लू जिला में भी एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिला मुख्यालय कुल्लू में स्थित देव सदन में किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया,
जिसमें 72 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के 121 प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, शारीरिक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया किशोरावस्था शिक्षा का उद्देश्य किशोरों की चिंताओं का जवाब देना है विशेष रूप से वह जिन्हें अभी तक स्कूली पाठ्यक्रम में पूर्ण रूप से शामिल नहीं किया गया है किशोरावस्था शिक्षा का समग्र उद्देश्य किशोरों को क्षति आयु उपयुक्त और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक जानकारी प्रदान करना स्वस्थ दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और कौशल विकसित करना है ताकि वह वास्तविक जीवन की स्थितियों का प्रभावी ढंग से जवाब दे सके कार्यशाला का आयोजन तीन सत्रों में किया गया। पहले सत्र में रिसोर्स पर्सन जितेंद्र शर्मा ने किशोरावस्था, आवश्यकता जैसे विषयों पर अध्यापकों के साथ संवाद किया। वहीं, उनके सुझाव भी मांगे। दूसरे सत्र में रिसोर्स पर्सन सोनेश कुमारी ने किशोरावस्था की चुनौतियों और एचआईवी एड्स पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के साथ खुलकर बातचीत करें और उन्हें यौन रोगों के प्रति जागरूक करें। उधर, तीसरे सत्र में एईपी जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय कंबोज ने जीवन कौशल का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि जीवन कौशल सीखने, निर्णय लेने, अधिकारों का प्रयोग तथा युवाओं को वास्तविकताओं का सामना करने के लिए मानसिक तौर पर प्रोत्साहित करता है।