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मनाली से जुड़ी कारगिल घाटी, जांस्कर घाटी के लोगों को भी राहत
नीना गौतम तूफान मेल न्यूज, केलांग।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 16500 फुट ऊंचे शिकुला दर्रे को शुक्रवार को बहाल कर दिया है। शिंकुला दर्रा के बहाल होने से लेह लद्दाख की कारगिल पहुंचना अब आसान हो गया है। पहले कारगिल को पहुंचने के लिए पहले लेह पहुंचना पड़ता था और लेह से फिर कारगिल आना पड़ता था।
लेकिन अब शिंकुला दर्रा खुल जाने से सीधा दर्रा होकर कारगिल में प्रवेश होगा जबकि लेह नहीं जाना पड़ेगा। इसी के साथ जांस्कर घाटी भी देश-दुनिया से जुड़ गई है। शिंकुला दर्रे के बहाल होने से जांस्कर घाटी के लोग बर्फ के कारावास से मुक्त हो गई है। दारचा-पदुम-जांस्कर सड़क बहाल होने से मनाली से कारगिल का सफर 260 किलोमीटर कम हो गया है। बीआरओ की कड़ी मशक्कत के बाद यह संभव हो पाया है जबकि अप्रैल व मई में लगातार बर्फबारी जारी रही। बीआरओ ने बारालाचा दर्रे के बाद कुंजुम दर्रे को बहाल किया और अब शुक्रवार को शिंकुला दर्रे को बहाल करने में सफलता पाई है।
सेना को रसद पहुंचाना हुआ आसान
भारतीय सेना के लिए सरहद में पहुंचना और रसद व गोलाबारूद पहुंचाना आसान हो गया है। आपात स्थिति में यह मार्ग सबसे सुरक्षित है। इस मार्ग की दूरी कम होने से समय भी कम लगेगा। पहले कारगिल पहुंचने के लिए मनाली से सरचू-लेह जाना पड़ता था और लेह से कारगिल तक जाना पड़ता था। जिसकी दूरी 885 किलोमीटर की है। जो अटल टनल बनते ही 830 किमी रह गई थी अब शिंकुला से जांस्कर घाटी होते हुए कारगिल की दूरी मात्र 634 किलोमीटर ही रह गई है। जांस्कर घाटी के लोगों को पहले कारगिल, लेह व सरचू होते हुए चार दिन का सफर करना पड़ता था। अब शिंकुला दर्रा के बहाल होते ही एक दिन के भीतर जांस्कर घाटी से मनाली पहुंच सकते हैं। बहरहाल शिंकुला दर्रा बहाल होने से जहां कारगिल पहुंचना आसान हो गया है वहीं जांस्कर घाटी के लोगों ने राहत की सांस ली। यही नहीं सामरिक दृष्टि से भी मार्ग बहाल होना महत्वपूर्ण है।
शिंकुला हालांकि यह मार्ग एवं दर्रा गत माह बहाल हो गया था और एक तरफा वाहन का ट्रायल भी हुआ था,लेकिन बाद में लगातार बर्फबारी से इसे बंद रखा गया था। अब मार्ग पूरी तरफ से दोनों तरफ से बहाल कर दिया है और पर्यटक भी जा सकेंगे। लिहाजा दर्रा के बहाल होते ही यह मार्ग पर्यटकों की भी पहली पसंद बन गया है। उधर बीआरओ के कमांडर कर्नल एस बाचली ने बताया कि अब मार्ग के पूरी तरह खुल जाने से जहां जांस्कर घाटी के लोगों को सुविधा मिलेगी वहीं कारगिल जाना भी आसान हो गया है।