सकीर्ण जोत के लिए देवता श्रृंगा ऋषि लाव लश्कर के साथ रवाना


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तूफान मेल न्यूज,बंजार

बंजार क्षेत्र के 5 कोठी के आराध्य देवता श्रृंगा ऋषि अपने मूल स्थान स्किर्ण कांडा के लिए अपने पूरे लाव लश्कर के साथ रवाना हो गए हैं ।

अपनी मनोकामना की पूर्ति व मुंडन की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए बंजार आन्नी कुल्लू व अन्य जिलों के हजारों श्रद्धालु लगभग 20 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर श्रृंगा ऋषि के दरबार संकीर्ण पहुंचेंगे ।

लगभग 11000 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस देव किले में प्रतिवर्ष जैष्ट सक्रांति के 1 दिन पहले देवता श्रृंगा ऋषि सहित देव हरियाण देव परम्परा का निर्बाह करते हैं ।

देव परंपरा अनुसार 1 वर्ष शृंगा ऋषि की छड़ी व दूसरे वर्ष देवरथ यहां जाता है इस वर्ष देव रथ स्किर्ण यात्रा पर निकल गए है ।

रविवार को देवता श्रृंगा ऋषि को चेहनी गांव से देव कार्य विधि अनुसार अपने मूल स्थान से हजारों श्रद्धालुओं सहित स्किर्ण जोत के लिए रवाना हो गए।

इस दौरान देव हरियान के अलावा हजारों श्रद्धालु संकीर्ण ज्योत में खुले आसमान के तले ऋषि का गुणगान वे जागरण करेंगे वही 15 मई सुबह 4 बजे से श्रद्धालु देवता की पूजा अर्चना में लगे रहेंगे मान्यता है कि जिस की मनोकामना पूरी होती है ।
पूजा अर्चना के बाद देवता के समक्ष मुंडन प्रक्रिया शुरू हो जाती है खासकर श्रद्धालु संकीर्ण श्रृंगा ऋषि की शरण में पुत्र प्राप्ति के लिए जाते हैं ।

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