नेशनल हेराल्ड मामला कांग्रेस की भ्रष्ट मानसिकता और परिवारवादी राजनीति का जीवंत प्रमाणः गोविंद सिंह ठाकुर

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तुफान मेल न्यूज, मनाली. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मनाली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान नेशनल हेराल्ड घोटाले को लेकर कांग्रेस पार्टी विशेष रूप से गांधी परिवार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह मामला स्वतंत्र भारत के सबसे गंभीर भ्रष्टाचार मामलों में से एक है, जिसने यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी केवल सत्ता को साधन मानकर चलती रही और उसने देशहित की बजाय सिर्फ परिवारहित को प्राथमिकता दी।

पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी और इसका उद्देश्य था स्वतंत्रता संग्राम की आवाज को बुलंद करना, भारत की अस्मिता और आत्मनिर्भरता के लिए लोगों को जागरूक करना। लेकिन आज उसी संस्था को कांग्रेस नेतृत्व द्वारा अपनी पारिवारिक संपत्ति बना दिया गया। उन्होंने कहा कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL), जो कि नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती थी, वह एक सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत थी और इसका उद्देश्य पत्रकारिता के माध्यम से जनसेवा करना था, न कि निजी लाभ कमाना। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में रहते हुए इस ट्रस्ट की 90 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को ‘यंग इंडियन’ नामक एक निजी कंपनी को ट्रांसफर कर दिया, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी डायरेक्टर थे। यह एक खुला भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का मामला है।

ठाकुर ने कहा कि यह घोटाला केवल एक वित्तीय घोटाला नहीं है, बल्कि यह सिद्धांतों, नैतिकता और सार्वजनिक विश्वास के साथ धोखा है। एक ऐसी कंपनी जिसमें गांधी परिवार की सीधी हिस्सेदारी है, उसने सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा जमाया, जो कि जनता के पैसों से खड़ी की गई थी। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता का प्रयोग नीतिगत विकास के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार की समृ‌द्धि और संपत्ति बढ़ाने के लिए किया।

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इसी नीति के अंतर्गत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले की जांच शुरू की और न्यायालय के समक्ष सभी तथ्य प्रस्तुत किए। उन्होंने यह भी कहा कि जब जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और अदालतें मामले की सुनवाई कर रही हैं, तब कांग्रेस पार्टी अनावश्यक हंगामा कर रही है। सभी प्रयास सच्चाई को छुपाने और जनता को गुमराह करने के हथकंडे हैं। यदि गांधी परिवार निर्दोष है, तो उसे अदालत में अपने पक्ष को मजबूती से रखना चाहिए, न कि जांच एजेंसियों को धमकाने की कोशिश करनी चाहिए।

ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी युवाओं को भ्रमित करने के लिए इस मुद्दे को राजनीतिक प्रतिशोध कह रही है। जबकि सच्चाई यह है कि इस मामले की शुरुआत वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दाखिल याचिका से हुई थी और दिल्ली की अदालत ने प्रथम दृष्टया इसमें गंभीर अनियमितताएं पाई हैं। ऐसे में भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

गोविंद सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार किस तरह से जनता के पैसों का दुरुपयोग कर रही है, इसका शर्मनाक उदाहरण “नेशनल हेराल्ड” अखबार को दिए गए करोड़ों रुपये के विज्ञापन हैं। यह न केवल वित्तीय अनियमितता का गंभीर मामला है, बल्कि यह सरकार की मानसिकता को भी उजागर करता है। प्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायक जनकराज जी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में स्वयं कांग्रेस सरकार ने स्वीकार किया है कि वर्ष 2023-24 के दौरान बंद पड़े अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ को ₹2.34 करोड़ के विज्ञापन दिए गए। यह तथ्य चौंकाने वाला इसलिए भी है क्योंकि यह अखबार वर्ष 2008 से प्रकाशित ही नहीं हो रहा है। ऐसे में यह स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि जब कोई समाचार पत्र छप ही नहीं रहा, न उसका कोई वितरण है और न ही हिमाचल प्रदेश में उसकी कोई उपस्थिति है, तो उसे करोड़ों के विज्ञापन किस आधार पर जारी किए गए?

ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि “नेशनल हेराल्ड हमारी अपनी अखबार है, हम उसमें खूब विज्ञापन देते रहेंगे।” मुख्यमंत्री का यह बयान न केवल अलोकतांत्रिक है, बल्कि यह यह भी सिद्ध करता है कि कांग्रेस सरकार जनता के पैसे को कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार की छवि सुधारने में खर्च कर रही है, न कि प्रदेश के विकास या जनकल्याण में।

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि जब प्रदेश सरकार पेंशन और वेतन जैसी बुनियादी ज़रूरतों के लिए संसाधन नहीं जुटा पा रही, तब एक निष्क्रिय अखबार पर करोड़ों खर्च करना जनता के हक पर सीधा आघात है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस की प्राथमिकताएं जनहित नहीं, बल्कि परिवारहित हैं।

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