जलोड़ी टनल की फाइनल एलाइनमेंट को मंजूरी मिलने से सोझा के ग्रामीणों में खुशी की लहर,टनल प्रभावित संघर्ष समिति और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारिओं की मेहनत लाई रंग,संघर्ष समिति के सुझावों को दी गई प्राथमिकता, टनल भी निकलेगी और सोझा गांव भी सुरक्षित

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तुफान मेल न्यूज, बन्जार्।

प्रदेश के जिला कुल्लू में जलोड़ी दर्रा के नीचे से प्रस्तावित सुरंग निर्माण को केन्द्र सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है। करीब चार किलोमीटर लम्बी इस सुरंग के निर्माण से आनी और बंजार के बीच एनएच-305 पर साल के 12 महीनों कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।टनल प्रभावित संघर्ष समिति और सोझा गांव के ग्रामीणों की ओर से जलोड़ी टनल के सर्वे में सोझा गांव को बचाने के लिए केंद्र सरकार ,राज्य सरकार, प्रशासनिक अधिकारियों ,विभागीय अधिकारियों व स्थानीय सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारिओं, पंचायत प्रधानों, प्रिंट, डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों का तहदिल से आभार प्रकट किया है।

जलोड़ी टनल प्रभावित संघर्ष समिति के महासचिव पदम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर 2023 में जब सोझा गांव के लोगों को जब यह मालूम हुआ कि जलोड़ी टनल का सर्वे घियागी से सोझा गांव के नीचे से जा रहा है तो सभी ग्रामवासीयों में भय पैदा हुआ तथा चिंतित हुए कि अगर गांव के नीचे से टनल जाएगी तो गांव के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। जैसा कि अनेक जगह ऐसी घटना पूर्व में भी घट चुकी है, जिसमें अनेक गांव बर्बाद हुए है तथा विस्थापित होने को मजबूर हुए है।

इन सभी घटनाओं को स्मरण करके सभी ग्रामवासी भविष्य को लेकर बहुत अधिक चिंतित थे। इस से निपटने हेतु ग्रामवासियों ने संघर्ष समिति का निर्माण किया और संघर्ष समिति के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासन जिलाधीश, एसडीम व विभाग से गांव को बचाने की गुहार लगाई। इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाने में स्थानीय सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख समाजिक कार्यकर्ताओं से भी तकनीकी जानकारियां जुटाई गई। जिसमें हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह, पीएचडी संस्था के संदीप मन्हास, सहारा संस्था के राजेन्द्र चौहान ने विषय की गंभीरता व तकनीकी बारीकियां समझाने में भरपूर सहयोग दिया। संघर्ष समिति के महासचिव पदम सिंह ने विभिन्न पदाधिकारिओं के सहयोग से भू-वैज्ञानिक तथ्यों से जुड़े साक्ष्य और 1905 भूकंप संबंधी साक्ष्य जुटाए गए और तथ्य आधारित सुझाव व आपत्तियों की रिपोर्ट पब्लिक हियरिंग के दौरान 10 जुलाई 2024 को प्रशासनिक अधिकारियों व स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी की मौजूदगी में विभाग को सौंप दी थी।टनल प्रभावित संघर्ष समिति ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के माध्यम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से गांव को बचाने का आग्रह किया। इसके अलावा राज्य सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी गांव को बचाने में सहयोग मांगा। आज संघर्ष समिति के समस्त कार्यकर्ता केंद्र सरकार, राज्य सरकार, व अन्य विभागों का आभार प्रकट करना चाहते हैं कि आपने समिति के सुझावों को प्राथमिकता देते हुए सोझा कैंची से भरगोल नाला की एलाइनमेंट को फाइनल कर ना केवल गाँव को बचाया है बल्कि सरेउलसर झील जैसे धार्मिक एवं एतिहासिक स्थल को भी विलुप्त होने से निजात दिलाने में मदद की है। महासचिव पदम सिंह ने बताया कि संघर्ष समिति के सुझावों और आपत्तियों को प्राथमिकता से सुना गया है जिससे अब सोझा गांव के लोगों की समस्या का समाधान हो गया है। अब जलोड़ी जोत के नीचे से सुरंग भी निकलेगी और सोझा गांव भी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। इन्होंने बताया कि सोझा गांव के लोगों में खुशी की लहर है, सुरंग निर्माण से यहां पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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