जलविद्युत संयंत्रों के लिए संयुक्त रूप से डिसिल्टिंग और ड्रेजिंग समाधानों को विकसित करने के लिए एनएचपीसी और बीईएमएल लिमिटेड ने समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर


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तुफान मेल न्यूज, फरीदाबाद

भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के दो प्रमुख उपक्रमों एनएचपीसी और बीईएमएल लिमिटेड ने नवाचार और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, आज बीईएमएल सौधा, बेंगलुरु में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य जलविद्युत संयंत्रों के लिए उन्नत डिसिल्टिंग और ड्रेजिंग समाधानों के विकास के लिए कार्यनीतिक सहयोग स्थापित करना है। श्री अजीत कुमार श्रीवास्तव, निदेशक (रक्षा व्यवसाय), बीईएमएल और दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में श्री उदय शंकर शाही, कार्यपालक निदेशक (आर एंड डी), एनएचपीसी और श्री आर.जी.के. राव, प्रमुख (एसबीयू-एयरोस्पेस), बीईएमएल लिमिटेड ने समझौता ज्ञापन का औपचारिक रूप से आदान-प्रदान किया।

यह सहयोग, दोनों संस्थाओं की संयुक्त विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए डैम सेड़िमेंटेशन के महत्वपूर्ण मुद्दे के समाधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह साझेदारी नवोन्मेषी, “मेक इन इंडिया” समाधान प्रदान करने के लिए तैयार की गई है, जिससे विद्युत उत्पादन दक्षता, जल संवाहक प्रणालियों और टर्बाइनों का जीवनकाल बढ़ेगा तथा राष्ट्रीय राजस्व के लिए महत्वपूर्ण बचत होगी। इस पहल के माध्यम से विकसित समाधान न केवल जलविद्युत संयंत्रों की जरूरतों को पूरा करेंगे, बल्कि व्यापक चुनौतियों से निपटने के लिए दोहरे उपयोग की क्षमता भी रहेगी। ऐसे उत्पाद नहरों और पुलियों को तेजी से साफ करके मानसून के दौरान शहरी जलभराव को कम करने, अंतर्देशीय जलमार्गों, तटीय क्षेत्रों, तालाबों और झीलों में ड्रेजिंग और गाद निकालने के कार्यों में सहायता कर सकते हैं, और भारत के महत्वाकांक्षी मेरीटाईम विजन 2030 और सागरमाला कार्यक्रमों के साथ संरेखित कर सकते हैं । पायलट परियोजनाओं में सफल कार्यान्वयन के पश्चात, इन समाधानों को अन्य जलविद्युत संयंत्रों में भी लागू किए जाने की आशा है, जिससे भारत के नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे और मजबूत होंगे । यह सहयोगात्मक प्रयास प्रचालन दक्षता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के साथ-साथ बाढ़ के जोखिम को कम करके और जल प्रबंधन प्रणालियों में सुधार करके स्थायी शहरी नियोजन में योगदान देगा।श्री आर.के. चौधरी, सीएमडी एनएचपीसी ने अपने सम्बोधन में कहा, कि हम जलविद्युत क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक डिसिल्टिंग और ड्रेजिंग समाधान विकसित करने के लिए बीईएमएल लिमिटेड के साथ साझेदारी करके रोमांचित हैं। यह सहयोग नवाचार, स्थिरता और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है । साथ मिलकर विद्युत उत्पादन दक्षता को बढ़ाना, रखरखाव लागत को कम करना तथा भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा उद्देश्यों को समर्थन देना हमारा लक्ष्य है। इस साझेदारी से न केवल विद्युत क्षेत्र को लाभ होगा बल्कि पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बीईएमएल और एनएचपीसी के बीच यह साझेदारी नवाचार, स्थिरता और राष्ट्रीय प्रगति की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। दोनों संगठन प्रभावशाली समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो वर्तमान चुनौतियों का समाधान करेंगे और आत्मनिर्भर, कुशल और भविष्य के लिए तैयार भारत का आधार बनेंगे।श्री शांतनु रॉय, सीएमडी, बीईएमएल लिमिटेड ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, ” डैम सेड़िमेंटेशन के महत्वपूर्ण मुद्दे के समाधान के उद्देश्य से इस अभूतपूर्व पहल में एनएचपीसी लिमिटेड के साथ साझेदारी करके हमें प्रसन्नता हो रही है। यह कार्यनीतिक सहयोग नवाचार, स्थिरता और आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अपनी सामूहिक शक्तियों का लाभ उठाकर, हमारा लक्ष्य उन्नत गाद निष्कासन और ड्रेजिंग समाधान विकसित करना है, जो कि न केवल जलविद्युत संयंत्रों की दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि बुनियादी ढांचे और जल प्रबंधन प्रणालियों में सुधार के राष्ट्र के व्यापक लक्ष्यों में भी अपना योगदान देगा।”एनएचपीसी लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा जलविद्युत विकास संगठन और भारत सरकार का नवरत्न उद्यम है। इसके पास जलविद्युत परियोजनाओं की संकल्पना से लेकर चालू करने तक की सभी गतिविधियों को संचालित करने की क्षमता है। एनएचपीसी ने सौर एवं पवन ऊर्जा विकास आदि के क्षेत्र में भी कार्य विस्तार किया है। संयुक्त उद्यम के माध्यम से1681.70 मेगावाट सहित एनएचपीसी की कुल संस्थापित क्षमता 7232.90 मेगावाट है, जिसमें 22 जल पावर स्टेशनों से 6971.20 मेगावाट, पांच सौर ऊर्जा परियोजनाओं से 211.70 मेगावाट और एक पवन ऊर्जा परियोजना से 50 मेगावाट शामिल है। देश की कुल संस्थापित जलविद्युत क्षमता 46928.17 मेगावाट में एनएचपीसी की 6971.20 मेगावाट की जलविद्युत हिस्सेदारी है जो कि लगभग 14.85% है। दिनांक 30 सितंबर 2024 तक की स्थिति के अनुसार एनएचपीसी की प्राधिकृत शेयर पूंजी 15,000 करोड़ रुपए, चुकता शेयर पूंजी 10,045.03 करोड़ रुपए और निवेश आधार 81658.07 करोड़ रुपए है।रक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन बीईएमएल लिमिटेड एक अग्रणी बहु-प्रौद्योगिकी ‘शेड्यूल ए’ कंपनी है, यह विश्व स्तरीय उत्पादों को बनाकर रक्षा, रेल, विद्युत, खनन और निर्माण जैसे भारत के प्रमुख क्षेत्रों की सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बीईएमएल रक्षा एवं एयरोस्पेस, खनन एवं निर्माण तथा रेल एवं मेट्रो जैसे तीन क्षेत्रों में कार्य करती है तथा इसकी अत्याधुनिक विनिर्माण संस्थाएं बैंगलोर, कोलार गोल्ड फील्ड्स (केजीएफ), मैसूर, पलक्कड़ में स्थित हैं, और इसके पास बहुत सशक्त अनुसंधान एवं विकास अवसंरचना और बिक्री एवं सेवाओं का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क है। उत्कृष्टता और नवाचार के अथक प्रयास की छह दशकों की समृद्ध विरासत के साथ बीईएमएल लिमिटेड, भू-उत्खनन, परिवहन और निर्माण उपकरण निर्माण के क्षेत्र में एक प्रतिबद्ध कंपनी है।

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