ग्रामीण क्षेत्रों में खेती संग पशुपालन व्यवसाय आजीविका का सशक्त माध्यम


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ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शाईरोपा में पशु चिकित्सा पर एक दिवसीय शिविर का आयोजन

पाक प्रभावित क्षेत्र के 40 पशुपालकों ने लिया हिस्सा, बांटी मुफ्त दवाइयां

उचित आहार, चिकित्सा और रखरखाव से ही पशुओं को संक्रमण एवं अन्य बीमारियों से बचाया जा सकता है-डा.स्वाति.

तूफान मेल न्यूज परस राम भारती ,तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार
जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शाईरोपा के सभागार में पशु चिकित्सा एवं संरक्षण संवर्धन पर शनिवार को एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का आगाज व समापन तीर्थन रेंज शाईरोपा के वन परीक्षेत्र अधिकारी परमानंद द्वारा किया गया। पशुपालन विभाग की ओर से वेटरनरी डॉक्टर स्वाति इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रही। इस शिविर में पार्क प्रभावित क्षेत्र के 40 पशुपालकों महिला एवं पुरुषों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के समापन पर शिविर में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार की पशुओं से संबंधित दवाइयां भी निशुल्क बांटी गई।

इस अवसर पर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शाईरोपा रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी परमानंद ने कहा कि यहां के ग्रामीण क्षेत्रों की करीब 70 से 80% आबादी खेती एवं पशुपालन व्यवसाय से जुड़ी है। इन्होंने कहा कि खेती एवं पशुपालन व्यवसाय आजीविका का सशक्त माध्यम बन सकता है जिसके लिए खेती के साथ पशुपालन भी किया जाना जरूरी है।

इन्होंने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में पशुपालन एक व्यवसाय का रूप ले चुका है। यहां के किसान कृषि कार्य करने के साथ साथ बहुत ही आराम से पशुपालन भी कर सकते हैं। इन्होंने लोगों द्वारा पशुओं को आवारा छोड़ने पर चिन्ता व्यक्त की है तथा पालतू पशुओं के साथ साथ जंगली वन्य जीवों के प्रति भी संवेदना रखने का आग्रह किया है।

एक दिवसीय शिविर के दौरान पशु औषधालय केन्द्र गुशैनी में तैनात डा. स्वाती द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को पालतू पशुओं विषेष कर गाय व भेड़ बकरियों में पनपने वाली बीमारियों, उनकी चिकित्सा, रख रखाव और आहार के बारे विस्तृत जानकारी दी गई।

इन्होंने बताया कि पशुओं को हमेशा संतुलित आहार देना चाहिए जिससे उनका शारीरिक विकास हो सके। संतुलित आहार ना देने के कारण पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इन्होंने बताया कि संतुलित आहार देने से पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ती है और पशु स्वस्थ भी रहते हैं।

डॉ.स्वाति ने बताया कि मौसम के अनुसार समय-समय पर पशुओं की उचित देखभाल, इलाज और टीकाकरण किया जाना जरूरी है। इन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में पशुओं को धूप में रखना और गर्मियों में उनके शरीर पर पानी का छिड़काव करते रहना चाहिए। इसके साथ ही इन्होंने पशुओं में होने वाली मुख्य बीमारियों लंपी रोग, गलघोटु, लंगडी और बुखार के बारे में भी उपस्थित लोगों को सचेत किया है।

इस अवसर पर ग्राम पंचायत कंडीधार की पूर्व प्रधान चमना देवी, वार्ड सदस्य दीपा देवी, ग्राम पंचायत पेखड़ी के वार्ड सदस्य नवल किशोर, हिमालय इको टूरिज्म सोसायटी के प्रधान केशव ठाकुर, सदस्य संजू नेगी, इको टूरिज्म फेसिलिटेटर गोविंद ठाकुर और वनरक्षक खिला देवी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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