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तुफान मेल न्यूज, कुल्लू। जिगमेट नामग्याल ने 05ः57ः46 की टाईमिंग के साथ पहली स्पीति मैराथन के अंगर्तत 77 किलोमीटर की स्पीति एवेंजर्स चैलेंज अपने नाम की। भारतीय सेना ने स्नो मैराथन टीम के सहयोग से स्पीति घाटी में पहली बार इस दो दिवसीय मेराथन का आयोजन किया था जिसमें प्रदेश के अलावा देश के कोने कोने से 650 एथलीट जुटे।
अंशुल थापा ने 06ः46ः03 का समय दर्ज दूसरा स्थान दर्ज किया जबकि राजीव सिंह को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा जिन्होंनें 06ः51ः19 का समय लेकर काजो से समदो की दूरी तय की। वहीं दूसरी और महिला वर्ग में यह खिताब तेनजिन डोल्मा के नाम रहा जिन्होंने 77 किलोमीटर की यह दूरी 08ः15ः42 में पूरी की। स्टेंजिन चंदोल (08ः30ः10) को दूसरा जबकि नंबियाल चांबो (09ः57ः15) को तीसरा स्थान अर्जित हुआ। वैटर्न वर्ग में कैप्टन सुरेश ने यह दूरी 07ः46ः00 का समय लेकर खत्म की। 42 किलोमीटर की फुल मैराथन हेत राम के नाम रही जिन्होंनें यह दूरी 03ः03ः09 में पूरी की जबकि कुलबीर सिंह (03ः16ः36) दूसरे और फुनचोक नामग्याल (03ः24ः21) तीसरे स्थान पर रहे। महिला वर्ग में डिस्केट डोल्मा (03ः55ः56) को पहला, नीलिमा देवी (05ः20ः22) को दूसरा जबकि सोनम वांगमू (05ः42ः57) को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। हाफ मैराथन में पुरुषों के वर्ग में तेस्तान नामग्याल 01ः20ः05 को पहला, सेवांग नांगदन 01ः21ः20 को दूसरा जबकि मनजीत सिंह 01ः24ः02 को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ महिला वर्ग में ताशी लाडोल 01ः37ः36 ने बाजी मारी जबकि तेेनजिम डोल्कर 01ः39ः51 को दूसरा और गर्गी शर्मा 02ः06ः23 को तीसरा पुरस्कार मिला। पुरुषों के वैटर्न वर्ग में श्याम सिंह जबकि महिला वर्ग में राखी राय विजेता रहे। दस किलोमीटर की रेस में पुरुषों के वर्ग में सोनम स्टेंनजिन, मनोज यादव और मंजीत यादव को पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ जबकि महिला वर्ग में सोनम जांग्पो, तेनजिन कासांग और टीनू राजाराम को शीर्ष तीन पर रही। हिमालयन क्षेत्र में प्रयासरत क्राप सोल्यूशन संगठन इंडोफिल के 23 सदस्यीय दल को उनके उत्साहपूर्ण भागीदारी के विशेष रूप से सम्मानित किया गया।समदो में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल अनिंदिया सेनगुप्ता (यूवाईएसएम, एवीएसएम वाईएसएम), सेन्ट्रल कमांड एरिया कमांडर ने अपने संबोधन में कहा कि हिमालय के दूर दराज क्षेत्र में आयोजकों द्वारा स्पीति मैराथन में लगभग 650 एथलीटों की मेजबानी अपने आप में उपलब्धि हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे अब भारतीय सेना और स्पीति वैली के राजदूत बन कर इस आयोजन का प्रसार करें जिससे की अगले संस्करण में हम लगभग दो हजार से भी अधिक धावकों की मेजबानी कर सकें।सभी विजेताओं को मेडल सहित कुल दस लाख रुपये की ईनामी राशि के साथ सम्मानित किया जबकि अन्य सभी प्रतिभागियों को मेडल और सर्टिफिकेट देकर पुरस्कृत किया गया। इस मेराथन का आयोजन भारतीय सेना के आपरेशन सदभावना के अंतर्गत करवाया गया था जिसमें भारत सरकार के वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम के माध्यम से स्थानीय लोगों और अन्य लोगों को एक कड़ी में पिरो सके। इस मेराथन का एक अन्य उद्देश्य सतत विकास को प्रोत्साहित करना है और स्पीति घाटी की समृद्ध संस्कृति जैसे गियू, काजा, ताबो जैसे धार्मिक व सांस्कृतिक रमणीक स्थलों को यहां आने वाले लोगों के सम्मुख रखना है। इससे पर्यटन के साथ साथ स्थानीय लोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस मैराथन में स्थानीय प्रशासन के साथ साथ अन्य सरकारी और गैरसरकारी स्टेकहोल्डर्स का भी समर्थन प्राप्त हुआ। पहले संस्करण में मिली व्यापक भागीदारी के साथ आयोजक इसे वार्षिक गतिविधि बनाने का प्रयास करेंगें। स्नो मैराथन टीम के गौरव शिमर ने इस ऐतिहासिक अवसर पर कहा कि भारतीय सेना ने स्पीति मैराथन के रूप में प्रकृति और एडवेंचर प्रेमी और रनिंग कम्युनिटी के लिये एक सौगात पेश की है । उन्होंने कहा कि स्पीति मैराथन अब दुनिया के शीर्ष उच्च स्थानों वाले लंबी दूरी के रनिंग सर्किट में प्रवेश कर चुकी है।