निरमंड के दशनामी जुना अखाडा से श्रीखंड कैलाश को रवाना हुई 29 वीं छड़ी यात्रा


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अंबिका माता,दत्तात्रेय स्वामी की छड़ी को तहसीलदार निरमण्ड ने दिखाई हरि झंडी

21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन करेंगे श्रीखण्ड महादेव के दर्शन

तुफान मेल न्यूज,आनी। उतरी भारत की सबसे कठिनतम श्रीखंड कैलाश के दर्शन को निरमंड के दशनामी जूना अखाडा से माता अम्बिका माता और दत्तात्रेय स्वामी की 29 वीं छडी यात्रा गुरुवार को श्रीखण्ड यात्रा पर रवाना हो गयी।

छड़ी यात्रा को तहसीलदार निरमण्ड जय गोपाल शर्मा और छड़ी यात्रा समिति के अध्यक्ष टाकेश्वर शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।निरमण्ड से छड़ी यात्रा को अखिल भारतीय पंच दशनामी जूना अखाड़ा जींद के महंत श्री राम चन्द गिरी ने दावत गिरी की अध्यक्षता में विधिवत पूजा अर्चना के बाद वाद्य यंत्रों की ध्वनि,शंखनाद और बम बम भोले,हर हर महादेव के जयकारों के साथ रवाना किया।इस छडी यात्रा में देश के विभिन्न अखाडों के दर्जनों साधु महात्माओं ने भाग लिया।

छड़ी यात्रा समिति के अध्यक्ष टकेश्वर शर्मा ने बताया कि यह छडी यात्रा गुरुवार सांय तक जाओं ,सिंहगाड होते हुए, भराटीनाला पहुँचेगी।जबकि 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीखण्ड कैलाश के दर्शन करने के बाद छड़ी 24 जुलाई की शाम को वापिस जूना अखाड़ा निरमण्ड पहुंच जाएगी।

जबकि 25 जुलाई को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।इस अवसर पर कारदार पुष्पेंद्र शर्मा,छड़ी यात्रा समिति के सचिव योगेश भार्गव योगी,उपाध्यक्ष खेम राज सोनी,कपिल शर्मा, विकास शर्मा, हेम दिवाकर दत्ता सहित निरमण्ड क्षेत्र के सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।उन्होंने बताया कि श्रीखंड कैलाश के दर्शनों के लिए निरमंड के जूणा अखाडे से माता अम्बिका और दतात्रेय स्वामी की छडी यात्रा वर्ष 1996 में शुरू की गई थी। उन्होंने बताया कि छड़ी यात्रा प्राचीन समय से जाती है, जो हर साल देव शयनी एकादशी को निरमंड से रवाना होती है और गुरु पूर्णिमा के दर्शन करके वापस आती है

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