चंडीगढ़ में सूत्रधार कला संगम के कलाकारों ने मचाई धूम


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तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। सूत्रधार कला संगम के संरक्षक मण्डल सदस्य राजेंद्र सूद की पुत्री दिशा की शादी ऋषभ गोयल के साथ जीरकपुर पंजाब के वेडिंग रिजॉर्ट्स में बड़े धूमधाम से संपन्न हुई । इस अवसर पर सूद और गोयल परिवार दोनों के शुभ कार्य में चार चांद लगाने के लिए सूत्रधार कला संगम कुल्लू के कलाकार अध्यक्ष दिनेश सेन की अगुवाई में इस समारोह में सम्मिलित हुए । इस शुभ घड़ी पर कुल्लू लोक नृत्य सहित संगीतमयी शाम का भी वहां आयोजन हुआ, जिसमें पंडित विद्यासागर की अगुवाई में उनके प्रशिक्षुओं द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसमें अनेक प्रकार के गजलों-गीतों के कार्यक्रम के साथ-साथ रेखा का भी नृत्य प्रस्तुत किया गया । कुल्लू के लोक नृत्य और इसके साथ हुए रंगारंग कार्यक्रम ने अपने आप में वहां एक इतिहास की रचना की क्योंकि वहां जितने भी मेहमान आए हुए थे वह इन तीनों प्रकार की प्रस्तुतियों चाहे वो रेखा का नृत्य हो चाहे संगीमयी कार्यक्रम रहा हो या लोक नृत्य हो उनका लोगों ने भरपूर आनंद उठाया और तहे दिल से जो है इन कलाकारों को धन्यवाद किया गया । इस प्रकार से सूत्रधार कला संगम ने एक नया मील पत्थर अपने सफ़र में स्थापित किया । सूत्रधार कला संगम वर्ष 1977 से कला संस्कृति के संरक्षण व सम्बर्धन सहित समाज सेवा के क्षेत्र में निरंतर रूप से कार्यरत हिमाचल प्रदेश की अग्रणी संस्था है । सूत्रधार कला संगम द्वारा आमजनों की सुविधा हेतु कुल्लू, लाहौल, शिमला सहित हिमाचल से संबन्धित अन्य लोक नृत्य दल, लोक कलाओं सहित अन्य विविध प्रकार के कार्यक्रमों हेतु वाद्ययंत्र तथा कलाकार (जिनमें सूत्रधार ऑर्केस्ट्रा भी सम्मिलित है), मंच संचालक, लोक कलाओं, शास्त्रीय एवं आधुनिक नृत्यों से संबन्धित वेशभूषा तथा आभूषण, फैंसी ड्रैस तथा नाटक से संबन्धित परिधान (वस्त्र) व अन्य सामग्री, लाइट एवं साउंड सिस्टम, विभिन्न प्रकार की बैठकों तथा कार्यक्रमों हेतु सभी सुविधाओं से सुस्जित सूत्रधार भवन में हॉल, रिकॉर्डिंग स्टूडियो, हर प्रकार के फोटोस्टेट, फोटो प्रिंट, लेमिनेशन, PVC ID कार्ड प्रिंटिंग, अंग्रेजी व हिन्दी टाइपिंग, पैन कार्ड, डॉक्यूमेंट स्कैनिंग, ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म, सूत्रधार संगीत अकादमी के माध्यम से शास्त्रीय गायन, वादन एवं नृत्य इत्यादि का प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरांत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त डिग्री व डिप्लोमा, लोकनृत्यों सहित विविध प्रकार के नृत्यों व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रशिक्षण देने के उपरांत उन कलाकारों को मंच प्रदान करवाना इत्यादि कि सुविधा रंगमंचों व निजी आयोजनों हेतु उचित रखरखाव शुल्क के आधार पर उपलब्ध है

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