सरकार की व्यवस्था परिवर्तन को आईना दिखा रहा सिरमौर एलिमेंट्री उपनिदेशक कार्यालय


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10 कर्मियों के सहारे जिला की बुनियादी शिक्षा, अपना भवन तक नसीब नहीं

तूफान मेल न्यूज,नाहन।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग की बात की जाए तो मौजूदा समय सिरमौर का एलिमेंट्री उपनिदेशक कार्यालय सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। करीब 1205 स्कूलों की शिक्षा की व्यवस्था देखने वाला उपनिदेशक कार्यालय केवल 10 मिनिस्टीरियल कर्मियों के सहारे चल रहा है।

पर आप जानकारी के अनुसार उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा जिला कार्यालय में 34 रेगुलर पोस्ट स्वीकृत है। यही नहीं आप यह भी जानकर हैरान हो जाएंगे कि जिला सिरमौर प्रारंभिक शिक्षा का कार्यालय लंबे समय से बगैर उपनिदेशक के ही चल रहा है। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार हायर एजुकेशन उपनिदेशक को सोपा गया है। ऐसे में सरकार की व्यवस्था परिवर्तन के तहत सरकारी शिक्षा में गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगता हुआ नजर आता है।


हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इस उपनिदेशक कार्यालय को हर महीने 150 से 200 के लगभग अदालती मामलों को भी देखना होता है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि जिला मुख्यालय का यह कार्यालय किस बुरे दौर से गुजर रहा होगा। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि इस प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय के कर्मचारी रोज लोहे के चने चबाने पर मजबूर हैं। बावजूद इन सबके बगैर कमांडर चल रहे उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय ने मात्र 10 कर्मचारियों के सहारे बेहतर कार्य बड़े रिकॉर्ड भी तोड़ दिए हैं।
स्टाफ की कमी से जूझ रहे मुट्ठी भर कर्मचारियों ने 18 साल से लंबित चल रही जब्त की वरिष्ठता सूची भी जारी करने में कामयाबी हासिल की है। यही नहीं करीब 25 वर्षों के बाद क्लासिकल एंड वर्नाकुल यानी सी एंड वी अध्यापकों की वरिष्ठता सूची जारी करने में भी कामयाबी दर्ज की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीईओ,सीएचटी तथा एचटी अध्यापकों की सभी पदोन्नतियां भी जारी कर दी हैं। जानकारी तो यह भी है कि इस प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक कार्यालय के मिनिस्ट्रियल कर्मचारी लंच के समय में भी काम कर रहे होते हैं।
बता दे कि उपनिदेशक कार्यालय में सांइस सुपरवाइजर, स्टेनो वरिष्ठ सहायक के 10 पद हैं जिनमें से एक ही पद भरा हुआ है इसी प्रकार 12 क्लर्क के पद स्वीकृत है जबकि मौजूदा समय दो ही क्लर्क पूरा जिला संभाल रहे हैं।
यह तो बात हुई स्टाफ की मगर इससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति स्टाफ के कार्यालय की भी है। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय पिछले 6 सालों से किराए के भवन में चल रहा है। विडंबना तो यह भी है कि जिस जेबीटी हॉस्टल में यह जिला कार्यालय चल रहा है वह पूरी बिल्डिंग कई वर्ष पहले अनसेफ डिक्लेयर की जा चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक का अपना कार्यालय करीब 6 वर्ष पहले असुरक्षित घोषित कर दिया गया था। दुखद विषय तो यह भी है कि इस भवन के निर्माण को लेकर 2.83 करोड रुपए चीफ आर्किटेक्ट हिमाचल प्रदेश के पास स्वीकृत पड़े हैं बावजूद इसके प्रारंभिक उपनिदेशक कार्यालय के अपने भवन की बुनियाद तक नहीं रखी गई है।
उधर खबर की पुष्टि मुख्य अधीक्षक प्रारंभिक शिक्षा गुरु प्रकाश के द्वारा की गई है।

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