तूफान मेल न्यूज,भुंतर।
बीस भादो के अवसर पर देवभूमि कुल्लू में ब्यास नदी में मनाली से लेकर बजौरा तक के तमाम संगम स्थलों में श्रद्धालुओं के साथ देवताओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके अलावा व्यास-पार्वती संगम स्थल, मणिकर्ण, रुद्रनाग, खीरगंगा, सैंज, तीर्थन, क्लाथ, वशिष्ठ, रक्तिसर में आस्था की डुबकी लगाई गई। 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सरयोलसर में बुढ़ी नागिन माता ने भी स्नान किया। भुंतर में ब्यास व पार्वती नदी के संगम स्थल पर, खीरगंगा व मणिकर्ण में भी अनेक देवी-देवताओं ने स्नान किया।
पौ फटते ही श्रद्धालुओं ने मणिकर्ण में गर्म पानी के कुंडों में स्नान किया। मान्यता है कि बिस भादो के दिन पवित्र स्नान कर चरम रोग दूर होते हैं।गड़सा घाटी के तहत आने वाले शौठ निहारगडू नामक तीर्थ स्थल में काफी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं ने शाही स्नान किया। ऊझी घाटी के सोयल में बीस भादों पर जमदग्नि ऋषि के अन्न की घराट के पानी से यहां लोगों ने पवित्र स्नान किया। इस संबंध में राम मंदिर कमेटी मणिकर्ण के प्रधान जनक राज शर्मा ने कहा कि मान्यता है कि बीस भादो के स्नान को गुणकारी माना जाता है। इस दिन तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से कई रोगों से मुक्ति मिल जाती है। राम मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भंडारे का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि शाही स्नान में कोरोना नियमों का बखूबी पालन किया गया है।