त्रिलोकी नाथ मंदिर में लगाई बौद्ध धर्म की पट्टिका इतिहास को मिटाने का प्रयास: सुनील आर्य

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विश्व हिंदू परिषद ने दिया जिला प्रशासन को सात दिनों का अल्टीमेटम, अगर नहीं हटी पट्टिका तो होगा उग्र आंदोलन
तूफान मेल न्यूज़, कुल्लू।

विश्व हिंदू परिषद धर्मयात्रा प्रांत सह प्रमुख सुनील आर्य ने कहा है कि त्रिलोकनाथ मंदिर में दो धर्मों के लोग एक साथ अपने-अपने रीति-रिवाजों से पूजा-पाठ करते हैं। लेकिन इस मन्दिर में स्थानीय विधायक ने बौद्ध धर्म की पट्टिका लगवा दी है, जिसका विश्व हिन्दू परिषद विरोध करता है। सोमवार को कुल्लू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक ने राजनीतिक फायदे के लिए धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने विधायक और प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। एक सप्ताह में मंदिर से पट्टिका को हटाया नहीं गया तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्व में कोई ही ऐसा मंदिर होगा जहां दो धर्मों के लोग एक साथ आते होंगे। विधायक ने मंदिर में पट्टिका लगाकर धर्म के नाम पर जनजातीय लोगों को बांटने का प्रयास किया है। त्रिलोकनाथ मंदिर हिंदूओं का मंदिर है। यदि पट्टिका लगानी ही है, तो इस मंदिर के इतिहास की पट्टिका को लगाए। इससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालु मिलकर रहने और हर धर्म के प्रति आस्था रखने के लिए प्रेरित होंगे। क्योंकि इस मंदिर में हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों के लोग एक साथ पूजा-अर्चना बिना किसी भेदभाव के करते है

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