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कुल्लू की शुरड पंचायत की अभागी महिला भूमिहीन होने का झेल रही दंस
तूफान मेल न्यूज, भुंतर
ज़िला कुल्लू के शुरड पंचायत में रहने वाली दिव्यांग एकल नारी श्यामा देवी पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। इस बार कुल्लू में भारी बरसात से जहां कई लोगों के आशियाने तक बाढ़ की चपेट में आ गए वहीं अभागी श्यामा का मकान भी क्षति ग्रस्त हो गया । श्यामा अपने 22 वर्षीय बेटे राहुल के साथ कच्चे मकान में जीवन बसर कर रही है। लेकिन बरसात में भूस्खलन होने से मकान का एक कमरा व शौचालय गिर गया है। दूसरे कमरे को भी दरारें आ गई गई। वहीं घर की छत पर पड़ी स्टील की चादरें भी जर्जर हो चुकी हैं। श्याम देवी का मायका झिड़ी में हैं । इन्होंने अन्तरजातीय विवाह लगभग 25 वर्ष पहले सुंदरनगर के चमन लाल से किया था। जो लेवर का काम कुल्लू में ही करता थे और शादी भी यहीं की थी । कुछ वर्ष उपरांत बीमारी के कारण चमन लाल की मृत्यु हो गई। अन्तरजातीय विवाह के कारण श्यामा कभी अपने ससुराल सुंदरनगर नहीं गई। इस लिए वहां इनका नाम दर्ज नहीं हैं। श्यामा देवी ने कहा कि मेरे पास रहने को कहीं जमीन नहीं हैं लगभग 26 सालों से सरकारी भूमी में कच्चा मकान डाल कर रह रही हूं । भूस्खलन के कारण वह भी क्षति ग्रस्त हो गया है। उन्होनें कहां मैंने भूमिहीन के तहत भी कागज बनवाए लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। उन्होनें कहा में दिव्यांग हूं राजस्व विभाग के कितने चक्कर लगाऊंगी। बचपन में मेरे पैर व एक हाथ जल गया था। मुझे चलने में बहुत परेशानी होती है। पति की मृत्यु के बाद बच्चे के पालन पोषण की जिम्मेदारी भी श्यामा के कंधे पर आ गईं थी। श्यामा लोगों के घरों में काम कर गुजारा करती हैं । हालांकि श्यामा को विधवा पेंशन मिलती है लेकिन महंगाई के जमाने में उसी के सहारे घर का खर्चा चलाना आसान नहीं हैं।
श्यामा ने सरकार व ज़िला प्रशासन से गुहार लगाई है कि प्रभावित होने के नाते मुझे फौरी राहत प्रदान की जाए। भूमिहीन के तहत मुझे भूमी प्रदान की जाए। वहीं शुरड पंचायत की प्रधान शुषामा ने बताया कि दिव्यांग एवं एकल नारी श्यामा बहुत गरीब है । इनके क्षति ग्रस्त मकान के मुआवजे को कागज भेजे लेकिन इनके नाम जमीन न होने के कारण इन्हें मुआवजा नहीं मिला।