MLA सुंदर ठाकुर ने एनएचपीसी पार्बती-III परियोजना के खिलाफ किया मामला दर्ज,बिना सूचना पानी छोड़ने से दो की मौत

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तुफान मेल न्यूज, कुल्लू। कुल्लू के विधायक सुंदर ठाकुर ने एनएचपीसी पार्वती परियोजना चरण-3 के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक लापरवाही के कारण मौत और जनता को खतरे में डालने के लिए पुलिस में मामला दर्ज किया है।

उन्होंने एसपी कुल्लू से एफआईआर दर्ज करने को शिकायत पत्र भेजा है और दोषियों को सजा की मांग की है। गौर रहे कि गत दिन पार्वती परियोजना ने बरशेणी डैम से बिना सूचना के पानी छोड़ दिया जिस कारण पार्वती नदी में बाढ़ आ गई और दो लोग इसमें बह गए।

सुंदर ठाकुर ने अपने शिकायत पत्र में लिखा है कि
22 मई 2025 को, बिना किसी पूर्व सार्वजनिक चेतावनी के, एनएचपीसी अधिकारियों ने अचानक पार्वती-III बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ दिया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। जिस कारण दो निर्दोष लोगों की जान चली गई, और कई अन्य बाल-बाल बच गए।

नदी के किनारे स्थित आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठान गंभीर खतरे में पड़ गए, और स्थानीय लोगों को भारी आघात और व्यवधान का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। 10 जुलाई 2024 को भी बिना किसी सार्वजनिक चेतावनी के इसी तरह पानी छोड़े जाने से सैंज क्षेत्र में भारी तबाही मची थी और 30 से ज़्यादा घर और 40 दुकानें बह गई थीं।


जोखिमों के बारे में जानकारी होने और पहले से चेतावनी दिए जाने के बावजूद, एनएचपीसी के अधिकारियों ने एक बार फिर बिना उचित प्रोटोकॉल के बांध का पानी छोड़ा है, जो बांध सुरक्षा मैनुअल, आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का उल्लंघन है। बार-बार की गई यह कार्रवाई मानव जीवन और सुरक्षा के प्रति लापरवाही दिखाती है, जो भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) के तहत आपराधिक लापरवाही और गैर इरादतन हत्या के बराबर है। उन्होंने आरोप लगाया है कि


22 मई को पानी छोड़े जाने से पहले कोई सायरन या पूर्व चेतावनी प्रणाली सक्रिय नहीं की गई थी। 2025 एनएचपीसी वर्षा के कारण बढ़े जल स्तर के बारे में जानकारी होने के बावजूद स्थानीय अधिकारियों और आपदा प्रबंधन कर्मियों के साथ समन्वय करने में विफल रही।एनएचपीसी का पर्यावरण और संरचनात्मक उल्लंघनों का इतिहास (जैसे, अवैध मलबा डंपिंग, सुरंग रिसाव, गांव की सड़कों को नुकसान) सुरक्षा मानदंडों और मानक संचालन प्रक्रियाओं के प्रति उपेक्षा का एक पैटर्न दर्शाता है।

उन्होंने कहा है कि पार्वती परियोजना पर निम्नलिखित धाराओं के तहत मामले बनते हैं। जिसमें
बीएनएस, 2023 की धारा 106(1) लापरवाही से मौत का कारण बनना,बीएनएस, 2023 की धारा 125,गैर इरादतन हत्या,
बीएनएस, 2023 की धारा 137,दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य,बीएनएस, 2023 की धारा 271,
सार्वजनिक उपद्रव,बीएनएस, 2023 की धारा 273,मशीनरी या विस्फोटक के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण पर मामले दर्ज किए जाएं।

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