देखें वीडियो,,,,,,तुर्की कंपनी के रेल सर्वे को सुरक्षा की दृष्टि से स्थगित करें केंद्र सरकार: राजीव किमटा, तुर्की के सेब व फंगीसाइड दवाइयों पर भी लगे प्रतिबंध

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तुफान मेल न्यूज, कुल्लू।

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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राजीव किमटा ने कहा है कि केंद्र सरकार को तुर्की कंपनी द्वारा करवाए गए रेल सर्वे को सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए तुरंत प्रभाव से रद्द करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा है कि तुर्की से आने बाले सेब व फंगीसाइड दवाइयों पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सेब के अलावा तुर्की से बड़ी मात्रा में फंगीसाइड दवाइयां, कैलिशयम व कई अन्य स्प्रे उत्पाद आते हैं जो सेब के अलावा अन्य फसलों पर भी प्रयोग में लाई जाती है इन सब पर केंद्र सरकार को प्रतिबंध लगाना चाहिए।

उन्होंने कहा किबिलासपुर–मनाली–लेह रेलवे परियोजना का सर्वे तुर्की कंपनी ने किया है जो सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि जिस तुर्की की कंपनी ने मनाली-लेह रेल मार्ग का सर्वे किया है उसे तुरंत प्रभाव से स्थगित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर मामला है।

हमारा दुश्मन देश हमारी सीमावर्ती क्षेत्र में सर्वे कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह सर्वे भी तुर्किए की कंपनी द्वारा द्वेष पूर्ण भाव से किया गया है और यहां की बागबानी को भी नष्ट कर दिया है। सर्वे जानबूझ कर उपजाऊ भूमि की तरफ मोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि हम रेल लाइन के विरोध में नहीं है बल्कि तुर्की कंपनी के सर्वे के विरोध में है और केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी दिल्ली जाकर यह सारे मामले उठा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने भी केंद्र सरकार से मांग की है कि तुर्की के सेब व स्प्रे बाली दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया जाए और रेल लाइन के सर्वे को स्थगित किया जाए। उन्होंने कहा कि रेल लाइन का सर्वे भारतीय कंपनी से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर, मनाली लेह रेल लाइन का प्रारंभिक सर्वे युकसील प्रोजे नामक तुर्की की कंपनी द्वारा किया गया, जो कि एक ऐसा देश है जो पाकिस्तान का समर्थन करता है और कश्मीर पर भारत विरोधी बयान देता रहा है। यह परियोजना हिमालयी क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी। साथ ही इन्होंने यह भी कहा कि तुर्की कंपनी के सर्वे के मुताबिक एक लाख से अधिक पेड़ों की कटाई होनी है जिससे जैव विविधता, जल स्रोतों और वनों का स्थायी विनाश हो सकता है। प्रस्तावित मार्ग उपजाऊ बागानों, खेतों और ग्रामीण क्षेत्रों से होकर गुजरता है। सर्वे में देश के सबसे बड़े सेब उत्पादन क्षेत्रों को प्रभावित किया गया है और बागवानी पर सीधा प्रभाव, हज़ारों परिवारों की रोज़ी-रोटी को खतरे में डाल दिया है। इसी तरह तुर्की का सेब यहां के बागबानों की आर्थिकी को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

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