ऋषव शर्मा,आनी: विकास खंड आनी की रोपा पंचायत के शेहुल गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का विधिवत रूप से समापन हो गया। कथा के अंतिम दिन में कथावाचक आचार्य डॉ. मनमोहन शर्मा ने कथावाचन करते हुए कहा कि मनुष्य के सत्कर्म तभी फलीभूत होते हैं, जब वह निष्काम भाव से भगवान के नाम का स्मरण करता है।

यदि कोई व्यक्ति अच्छे कर्म कर रहा है, लेकिन भगवान का नाम नहीं जप रहा, तो उसके सारे कर्म शून्य के समान हैं। आचार्य डॉ मनमोहन शर्माने कहा कि श्रीमद्भागवत जीवन की अंतिम शिक्षा अर्थात मरण सिखाती है, जबकि रामायण हमें जीवन जीने की कला सिखाती है।उन्होंने श्रोताओं को संदेश दिया कि सांसारिक कर्तव्यों का पालन करते हुए सत्कर्म और प्रभु कीर्तन का संदेश दिया।

उन्होंने बताया कि अपने सांसारिक कर्तव्यों का पालन करते हुए सत्कर्म और प्रभु नाम का संकीर्तन निरंतर करते रहे, जिससे जीवन और मरण के बंधनों से मुक्ति मिल सके। यह कार्यक्रम 7 मई से शेऊल गांव में 13 मई तक चला। इसमें प्रतिदिन हवन, यज्ञ, पूजा-पाठ और श्रीमद्भागवत कथा का प्रवाह किया गया।

मंगलवर को विधिवत पूर्णाहुति के साथ धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुआ। क्षेत्र के लोगों ने श्रद्धा और आस्था के साथ बड़ी संख्या में भाग लिया और कथा अवरण कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया। कार्यक्रम आयोजक सतपाल शर्मा ने बताया कि आयोजन क्षेत्र की सुख-समृद्धि और पित्तरों के उद्धार के लिए किया गया था।इस मौके पर सतपाल शर्मा, विक्की शर्मा, श्याम शर्मा, आचार्य देव भारद्वाज, गुलाब शर्मा, भवानी शंकर, केसर चन्द ठाकुर, आदि उपस्थित थे।