Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
तुफान मेल न्यूज, सिस्सू
लाहौल घाटी में स्थित सिस्सू में 23 मार्च को होने जा रही स्नो मैराथन में देश के कोने कोने से सैन्य कर्मी जुटने शुरु हो गये हैं।

मैराथन से पूर्व ऐयरफोर्स और इंडियन आर्मी के 40 जवान में हाई एल्टीटयूट ट्रेनर सचिन शर्मा की अगुवाई में एक सप्ताह के ट्रेनिंग कैंप में भाग ले रहे जिसके अंतर्गत वे न केवल एक्लेमेटाईज्ड हो रहे हैं बल्कि बर्फ में दौड़ने के टिप्स भी प्राप्त कर रहे हैं।

25 ऐयरमैन्स के एक दल की अगुवाइ 25 वर्षीय फलाईट लेफिटेनेंट नवराज सिंह बराड़ कर रहे है। इस दल में दिल्ली, बैंगलूरु और हैदराबाद के ऐयरमेन भाग ले रहे हैं जिसमें कुछ को इंटरनेशनल एक्सपोजर तक प्राप्त है। इस दल में सरजेंट ओपी सरन जमर्नी में आयोजित 100 किलोमीटर की वल्र्ड चैम्प्यिनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बराड़ ने बताया कि ऐयरफोर्स पहली बार स्नो मैराथन में भाग लेकर उत्साहित है। यह चुनौती न केवल उनके धैर्य की परिश्रा है बल्कि विषम परिस्थितियों मे अपने आप को जीवित रखने के लिये प्रेरित करती है। भारतीय सेना के डोगरा स्काउट्स के नायक हेत राम नौ एथलीटों की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। पिछले साल स्पीति मैराथन में फुल मैराथन श्रेणी के चैंपियन रहे हेत राम अपनी बटालियन को एक और खिताब दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

वर्तमान में सुमदो में तैनात हेत राम के पास 2021 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान ढाका मैराथन और सूडान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के दौरान इंटर मिलिटरी गेम्स में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करने का प्रभावशाली रिकॉर्ड है।भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) देश भर में विभिन्न सीमाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 10 हिमवीरों (जवानों) की टीम के साथ स्नो मैराथन में अपनी शुरुआत कर रही है। दल का नेतृत्व करते हुए इंस्पेक्टर तेनज़िन ने बताया कि प्रत्येक फ्रंटियर का प्रतिनिधित्व दो हिमवीर कर रहे हैं, जो अत्यधिक ठंडी परिस्थितियों के अभ्यस्त हैं और ट्रांस-हिमालय के चुनौतीपूर्ण इलाकों में 18,000 फीट की ऊंचाई पर सेवा दे चुके हैं। स्नो मैराथन के इस संस्करण में कुमाऊं रेजिमेंट, लद्दाख स्काउट्स और अन्य रेजिमेंटों की भी मजबूत भागीदारी देखी जा रही है, जिन्होंने विभिन्न श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 40 जवानों की टुकड़ी भेजी है। इसके अतिरिक्त, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की एक इकाई 70 आरसीसी, जो स्नो मैराथन को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, ने भी मैराथन में भाग लेने के लिए एक टीम को मैदान में उतारा है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) भी इस संस्करण में भाग ले रहा है, जिसका नेतृत्व कांगड़ा के सपरी प्रशिक्षण केंद्र के डीआईजी मुकेश कुमार कर रहे हैं। लाहौल और स्पीति के जिला प्रशासन द्वारा समर्थित इस आयोजन ने भारत को वर्ल्ड स्नो रनिंग सर्किट में शामिल कर दिया है।इवेंट के संस्थापक गौरव शिमर के अनुसार, “स्नो मैराथन लाहौल न केवल किसी की सहनशक्ति को चुनौती देता है, बल्कि रक्षा कर्मियों और नागरिक एथलीटों के बीच सौहार्द को भी बढ़ाता है। आयोजन के दौरान फिटनेस की बातों का आदान-प्रदान करने, प्रशिक्षण तकनीकों को बढ़ाने और खेल बिरादरी को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है और ट्रांस-हिमालय के विंटर लैंडस्केप के लिए एकजुट करता है,