तुफान मेल न्यूज, शिमला
15 वर्षीय अभिमन्यु, शिवालिक पब्लिक स्कूल, झाकड़ी का एक होनहार छात्र, ने अपनी छोटी उम्र में ही अद्भुत प्रतिभा का परिचय दिया है।

अपने पिता को कम उम्र में खोने के बाद, अभिमन्यु ने अपने जीवन को एक नई दिशा देने और अपने पिता का नाम ऊंचा करने का संकल्प लिया। इस कठिन परिस्थिति ने उसे कमजोर बनाने के बजाय और भी मजबूत और प्रेरित कर दिया।

अभिमन्यु ने दिन-रात मेहनत कर एक अनोखी मोबाइल गेम विकसित की, जो नाक की मूवमेंट से नियंत्रित होती है। यह तकनीकी नवाचार न केवल मनोरंजन के लिए है, बल्कि विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है, जो शारीरिक रूप से सीमित हैं।

हालांकि, इस गेम को बनाने के दौरान अभिमन्यु को कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इन दिक्कतों के समाधान के लिए उसने इस प्रोजेक्ट को हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध तकनीकी विशेषज्ञ हर्षित के पास ले जाने का निर्णय लिया।
हर्षित, जो पहले ही 18 वर्ष की आयु में हिम टेस्ट ऐप लॉन्च कर चुके थे और तकनीकी क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके थे, ने अभिमन्यु के साथ मिलकर इस गेम पर काम किया। दोनों ने मिलकर इस प्रोजेक्ट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए कठिन परिश्रम किया और कई बाधाओं को पार किया। आखिरकार, उनके इस प्रयास को एक नई पहचान तब मिली जब राजेश धर्मानी द्वारा इस गेम को लॉन्च किया गया।
यह गेम न केवल तकनीकी जगत में एक नई दिशा दिखाता है, बल्कि अभिमन्यु और हर्षित जैसे युवा नवाचारकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। इनकी यह यात्रा सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, अगर हम अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहें और अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें, तो सफलता अवश्य मिलती है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और स्कूल के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक मिसाल है।