जल्द शुरू हो एनएच 305 को डबल लेन करने का कार्य

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संघर्ष समिति ने एनएच प्राधिकारण से उठाई मांग
कहा, सड़क तंग होने से वाहन चालकों को हो रही परेशानी, रोज लग रहा लंबा जाम

सी आर शर्मा तूफान मेल न्यूज आनी

आनी उपमंडल को जिला मुख्यालय कुल्लू से जोड़ने बाले एनएच 305 सड़क मार्ग को , घोषित हुए करीब दस साल से अधिक का समय बीत चुका है, मगर इस लम्बी अबधि में 97 किलो मीटर लम्बा यह नेशनल हाई वे, सैंज से आगे औट तक, अभी तक सिंगल लेन ही है। जिसके चलते मार्ग में वाहनों की आवाजाही बढ़ने से प्रतिदिन हर कहीं जाम लगना आम बात हो गई है जिससे वाहन चालकों सहित आम जनता बेहद परेशान है। इसी समस्या के समाधान को लेकर, जलोड़ी जोन संघर्ष समिति की एक बैठक कमांद के कुफरीधार में आयोजित की गई।


जिसमें संघर्ष समिति के विभिन्न पदाधिकारी व सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में संघर्ष समिति ने रोष जताया कि नेशनल हाईवे 305 सैंज से औट तक 97 किलोमीटर सड़क को 10 साल से ज्यादा का समय हो गया है परंतु अभी तक सड़क को चौड़ा नहीं किया गया और मार्ग में जलोडी दर्रे के नीचे सुरंग का सर्वे भी पिछले चार.पांच सालों से चला हुआ है जो अभी तक फाइनल नहीं हुआ है।
बैठक में उपस्थित ग्राम पंचायत खणी के उप प्रधान दया राम , उपप्रधान कमान्द मुकेश कुमार, उपप्रधान वटाला मान सिंह , भाग चन्द सोनी , किशन ठाकुर , प्रताप ठाकु , गीता राम , घनश्याम शर्मा , हेम राज , राजेन्द्र कुमार , विजय कुमार , जीवन सिंह, ध्यान सिंह , केहर सिंह , वीर सिंह तथा किशोरी लाल आदि का कहना है कि बरसात के दिनों में नेशनल हाईवे ज्यादातर बंद रहता है जिसके कारण आम जनता को सेब सीजन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।

जलोड़ी जोत से औट तक तो सड़क का और भी बुरा हाल है, बढ़ते वाहनों के कारण मार्ग में आए दिन जाम लगना आम बात हो गई है । इस समस्या से आनी और बंजार में वाहन चालकों सहित आम जनता को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि जाम के कारण एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं । इसलिए नेशनल हाईवे 305 संघर्ष समिति सरकार से मांग करती है कि नेशनल हाईवे 305 को जल्दी से जल्द चौड़ा किया जाए और सुरंग के निर्माण को भी अबिलम्ब् अमलीजामा पहनाया जाए , ताकि क्षेत्र की जनता को सुविधा मिल सके। संघर्ष समिति ने इस मामले में सरकार व चेताया है किया एनएच के मसले को यदि जल्द सीरे न चढ़ाया गया तो आम जनता को मजबूरन लांमबंद होकर आंदोलन को विवश होना पड़ेगा।

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