तुफान मेल न्यूज, केलांग। रविवार को जाहलमा मेंछह पंचायतों की महिलाओं का सांकेतिक धरना के छठे दिन भी जारी रहा। राहत कार्य के लिए महिलाएं पर्याप्त बजट जारी करने की मांग पर अड़े हुए हैं। रविवार को महिलाओं के समर्थन में पूर्व मंत्री डा राम लाल मारकंडा दूसरी बार जहलमा में धरना स्थल पहुंचे। पूर्व मंत्री मारकंडा ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित छह पंचायतों की समस्या को गंभीरता से ले और उसके लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान करें।

मारकंडा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभावित क्षेत्र में राज्य सरकार की ओर से कोई बजट जारी नहीं किया है और लोगों को बजट के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है। कहा कि पूर्व विधायक रवि ठाकुर के कार्यकाल में बिना टेंडर के तटीयकरण के नाम पर लाखों रुपये पानी में बहा दिए है। इससे प्रभावितों को कोई लाभ नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि मैं सांकेतिक धरने में बैठे महिलाओं व प्रभावित परिवार के साथ हमेशा से खड़ा हूँ। मारकंडा ने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित लिंडूर गांव में भी सरकार व प्रशासन की तरफ से कोई ठोस काम नहीं हुआ है।

अधिकारियों व नेताओं ने काम करने की जगह इसे पर्यटन भ्रमण प्वाइंट बना दिया है। लोगों को आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि लाहुल- स्पीति का बजट 84 करोड़ से घटकर आज 46 करोड़ पहुंच गया है। उन्होंने प्रदेश मुख्यमंत्री से अपील की है कि लाहुल में प्रभावित छह पंचायत के लोगों को पर्याप्त सहायता राशि देकर राहत पहुंचाए।

छह पंचायत के प्रभावित परिवार तीन चार साल से परेशान है जिनका कई बीघा जमीन बाढ़ को भेंट चढ़ गया है। उधर, पूर्व विधायक रवि ठाकुर इस पूरे जन आंदोलन से नदारद दिखे। लोगों का कहना है कि मौजूदा समय में रवि ठाकुर मुख्य विपक्षी भाजपा नेता है,

लेकिन उन्होंने सांकेतिक धरने के छठे दिन भी महिलाओं से आकर नहीं मिले, इसको लेकर घाटी में खूब चर्चा है। वहीं पहले मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद की भी घाटी आने की चर्चाएं चल रही थी लेकिन पार्टी सूत्रों ने बताया फिलहाल उनके दौरे का कार्यक्रम नही है।