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तुफान मेल न्यूज, कुल्लू।
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पूर्व जिप सदस्य हितेश्वर सिंह ने कहा कि जिला मुख्यालय कुल्लू सहित जिलाभर में बेसहारा गऊ माता व अन्य पशु की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह पशु कौन छोड़ रहा है और प्रशासन व विभाग बेखबर क्यों है। उन्होंने बेसहारा गऊ माता व पशुओं के प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि शराब की बोतलों से जिला कुल्लू से ही गाय माता के संरक्षण के लिए पांच करोड़ से अधिक की धनराशि जा रही है लेकिन धरातल पर हालत खराब है। गाय माता व अन्य बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। एक तरफ गाय माता को पूजते हैं दूसरी तरफ बेसहारा छोड़ा जा रहा है।
जिससे सड़क हादसे हो रहे जिसमे पशुओं के साथ आम लोगों की भी मौत हो रही है। किसान बागवानों की फसलों को भी नुकसान हो रहा है। पंचायतों को पशुओं का रिकॉर्ड रखना था और उनकी पहचान के लिए टैगिंग की गई। खुला पशु छोड़ने पर जुर्माना लगाने का भी प्रवाधान है। उन्होंने कहा कि 2010 व 11 में टैगिंग की गई बावजूद कुछ नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि गऊ संरक्षण बोर्ड का गठन हुआ है और सारा सेस का पैसा बोर्ड को जा रहा है।
बोर्ड सिर्फ 700 रुपये गाय को चारा के रूप में दे रहा है। जबकि कुल्लू से 5 करोड़ से अधिक धनराशि बोर्ड को जाती है। उन्होंने कहा कि कुल्लू में लगना चाहिए ताकि गऊ सदन के लिए भूमि का प्रबंध हो सके और गऊ माता का संरक्षण सही मायने में हो सके। उन्होंने कहा कि कुल्लू में 235 पंचायतें हैं और नगर और नगर परिषद व नगर पंचायतें हैं। यहां के हर परिवार से 100-100 रुपए भी सालाना लिए जाएं तो 36 लाख से अधिक धन राशि एकत्र होगी। इसके अलावा लाडा से भी गऊ संरक्षण को पैसा खर्चा जा सकता है।
लेकिन सरकार व प्रशासन में इसके प्रति इच्छाशक्ति ही नहीं है। जिस कारण गऊ माता आज सड़कों पर बेसहारा है।