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तुफान मेल न्यूज,कुल्लू.
प्रदेश के 3000 से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं जिस कारण प्राथमिक स्कूलों को चलाना कठिन हो गया है। इन पदों को बच्चों व प्राथमिक शिक्षा के हित में जल्दी से जल्दी भरा जाए। यह बात प्राथमिक शिक्षा संघ कुल्लू के अध्यक्ष इंद्र ठाकुर ने यहां प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा किइस समय 20 से कम संख्या वाली पाठशालाओं में दूसरा शिक्षक नहीं दिया जा रहा है।
पूर्व में भी ऐसा ही रहा कि हज़ारों रिक्तियों के चलते स्कूल लम्बे समय तक बिना अध्यापक या एक अध्यापक के सहारे रहे और बच्चों के माता-पिता बच्चों को निकाल कर मजबूरन दूसरे स्कूल में ले गए। उन्होंने कहा कि बात भी सही है कौन बिना अध्यापक के स्कूल या एक अध्यापक के पास बच्चे भेजेगा। इसके अलावा अध्यापकों के पास अन्य भी विभाग अनगिनत ऑनलाइन और अन्य गैर शैक्षणिक काम सौंप रखे हैं lइसलिए हमारी मांग है कि सभी पद भरे जायें फिर अध्यापक बच्चों की संख्या भी बढ़ाकर देगा और बेहतर परिणाम भी । उन्होंने कहा कि प्रदेश के 6300 के करीब प्राथमिक स्कूलों में पूर्व प्राइमरी कक्षाएं वर्ष 2018 से चल रही हैं परंतु 6 वर्ष बीत जाने पर भी इन कक्षाओं के लिए नर्सरी अध्यापक नहीं रखे गए हैं। इन कक्षाओं में 50000 के करीब बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं इनको हर तरह की गणना के समय पाठशाला की संख्या के साथ गिना जाना चाहिए जो कि विभाग नहीं करता है बाबजूद इसके कि आज दिन तक इन कक्षाओं का पूरा भार प्राथमिक शिक्षकों पर ही पड़ा हुआ है। इस नियुक्ति प्रक्रिया को बिना विलंब पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 20 से कम नामांकन वाले स्कूलों में दूसरा प्राथमिक शिक्षक तैनात नहीं किया जा रहा है जिस कारण इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। इस शर्त को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि बंद हुए और विलय किये स्कूलों के समस्त पदों को सांझा सरोवर में डालने के बजाय केंद्रीय पाठशालाओं या मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूलों में शिफ्ट किया जाए और एक्सीलेंस स्कूल की संख्या भी चरणबद्ध तरीके से ही सही लेकिन बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी पाठशाला को बंद न किया जाए। जब तक कि हरेक पाठशाला में आरटीई एक्ट के प्रावधान के अनुरूप कम से कम 2 शिक्षक उपलब्ध न करवा दिए जाएं। किस भी सूरत में कोई भी पाठशाला बिना अध्यापक या एकल अध्यापक के सहारे नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बंद या विलय किये स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों तथा भविष्य में उन गांव के बच्चों को दूसरे स्कूल जाने के लिए भौतिक रूप से यातायात सुविधा प्रदान की जाए। मुख्य शिक्षक प्रमोशन पर मिलने वाले वित्तीय लाभ को तुरंत बहाल किया जाए। एक जेबीटी अध्यापक लगभग 25 या इससे अधिक वर्षों की सेवा के बाद मुख्य शिक्षक बनता है और सरकार के आर एंड पी रूल्स के अनुसार उसकी वेतन वृद्धि बनती वो उसे हर हाल में मिलनी चाहिए जिसे मनमाने तरीके से बंद कर दिया जाता है और फिर समय समय पर बहाल भी कर दिया जाता है l जो कि सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि नव नियुक्त जेबीटी को पंजाब राज्य की तर्ज पर 35400 रुपए का मूल वेतन प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि हिमाचल प्रदेश अपना वेतन आयोग यह कह कर नहीं बिठाता की हम पंजाब को फलो करते हैं और लागू करती बार उसे तोड़ मरोड़ दिया जाता है जिससे हर बार जेबीटी अध्यापकों को छला जाता है l इसे तुरन्त दूर करते हुए जेबीटी को पंजाब के बराबर वेतनमान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 3 जनवरी 2022 के उपरांत नियमित हुए जेबीटी को हायर पे स्केल 37600 रुपए प्रदान किया जाए। इस तरह का प्रावधान वेतन आयोग में है जिसे मनमाने तरीके से रोक कर रखा गया है इस सम्बन्धी पत्र को वापिस लेकर इस लाभ को बहाल किया जाए। एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम में 2012 के हायर ग्रेड पे की गणना ना करते हुए वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएं तथा 3 जनवरी 2022 को रॉकी गई इस योजना को दोबारा बहाल किया जाए। अनुबंध अध्यापकों को नियमित करने के साल में 30 सितंबर और 31 मार्च को पहले की तरह दो बार की जाए। खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के पद को गजेटेड किया जाए। स्थगित की गई प्राइमरी स्कूलों की खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजन को तुरंत प्रभाव से शुरू किया जाए। इस बारे हमारे साथ विभाग ने राज्य स्तर पर बैठक कर जरूरी बदलाव भी सदन में पारित करवाए जिसकी कार्यवाही की बाकायदा अधिसूचना भी जारी हुई।जिसके आधार पर जिला और यहाँ तक की खंड स्तर पर भी बैठकें हो गई। सारी तैयारियाँ पूरी कर ली गई और आखिरी वक्त पर इन्हें स्थगित कर दिया गया जो कि नन्हे मुन्ने बच्चों के साथ नाइंसाफी है। बच्चों की खेल के साथ साथ अन्य सह शैक्षणिक गतिविधियों जिनमें भाषण प्रतियोगिता, लोक गायन की प्रतियोगिता, समूहगान का आयोजन, लोक संस्कृति पर आधारित लोकनृत्य की प्रतियोगिता, शिक्षाप्रद उद्देश्य से एकांकी का मंचन इन सभी को प्रदर्शित करने के लिए एकमात्र मंच होता है जिसे छीना जाना बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन कार्य के लिए डाटा एंट्री ऑपरेटर केंद्रीय स्कूलों में रखे जाएं तथा डाटा पैक उपलब्ध करवाया जाए। जेबीटी से टीजीटी मेडिकल और टीजीटी नॉन मेडिकल प्रमोशन के लिए अक्टूबर 2019 में नियमित हुए प्राथमिक शिक्षकों को भी शामिल किया जाए। 20 वर्ष का बिना प्रमोशन सेवाकाल पूरा करने वाले प्राथमिक शिक्षकों को सी एंड वी की तर्ज पर दो वेतन वृद्धिया प्रदान की जाए ।प्राथमिक विभाग में चन्द अनियमित अध्यापक हैं जो लम्बे समय से दूर दराज क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं उन्हें नियमित किया जाए। किसी भी प्रकार से प्राथमिक शिक्षकों के पदोन्नति वाले किसी भी पद को समाप्त न किया जाए। बंद हुई पाठशालाओं के केन्द्र मुख्य शिक्षक एवं मुख्य शिक्षक के पद तुरन्त शिफ्ट किए जाए। पदोन्नति एवं भर्ती की शक्तियाँ पूर्व की भांति उपनिदेशक कार्यालयों में रहें। उसकी मात्र सूचना निदेशालय को हो और जो पूरी फाइल शिमला में दो-दो महीने घूमती रहती है यह बिना मतलब का विलम्ब करने की अतिरिक्त प्रक्रिया है इसे बंद किया जाए।उपरोक्त मांगों को लेकर अनगिनत बार निदेशक प्रारंभिक शिक्षा और सचिव शिक्षा से हम वार्ता कर चुके हैं परन्तु इनका कोई हल आज दिन तक हो नहीं पाया है उपर से रोज कोई न कोई फरमान जिससे कि प्राथमिक शिक्षा का ढांचा कमजोर पड़ जाए वो जरूर निकल जाता है जिससे प्राथमिक शिक्षकों में भारी रोष है। राज्य के मुख्य मन्त्री महोदय और शिक्षा मंत्री महोदय से निवेदन है कि संगठन आपके समक्ष अपना पक्ष रखना चाहता है हमें बैठक हेतु बुलाया जाए।संघ के जनरल हॉउस ने एक मत में यह भी तय किया है कि यदि कोई भी वार्ता संघ के साथ नहीं होती तो 21.09.2024 को विभाग की कार्यप्रणाली के कारण विशाल सांकेतिक रोष प्रदर्शन निदेशालय में किया जायेगा।