तुफान मेल न्यूज, मनाली
लेह से मनाली दो दिनों में लगातार साइक्लिंग करते हुए पहुंचने के रिकॉर्ड को महाराष्ट्र की डा० नेहा टिकम ने बीआरओ को समर्पित किया है। मनाली लेह मार्ग में पड़ने वाले चार बड़े दर्रों को साइकिल पर लांघकर ,नारी शक्ति का संदेश देते हुए उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया है कि इस तरह के साहसिक खेलों के प्रति अपनी रुचि बढ़ाएं क्योंकि आज के युग में महिलाएं बहुत सशक्त हैं ।

डा० नेहा ने अपना साइक्लिंग अभियान 15 अगस्त को लेह में बीआरओ के प्रोजेक्ट हिमांक के मुख्यालय से शुरू किया था और 16 अगस्त को मनाली पहुंच गईं थी ।

आज बीआरओ दीपक प्रोजेक्ट के 38 बीआरटीएफ मुख्यालय अलेउ में डा० नेहा के सम्मान में समारोह आयोजित की गई और 38 बीआरटीएफ के कमांडर कर्नल गौरव बंगारी ने डा० नेहा का स्वागत किया और बीआरओ जवानों को समर्पित इस साइकिल अभियान के लिए उन्हें बधाई दी ।

इस अवसर पर कमांडर गौरव ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डा० नेहा ने बताया कि लेह से लेकर जो मनाली तक का रोड़ है वह बीआरओ का देश के लिए एक तोहफा है । सीमा सड़क संगठन के जवान दिन रात इतने ऊंचे पहाड़ों पर इतने बढ़िया रोड बनाने का काम कर रहे हैं वह न सिर्फ देश के लिए बल्कि इन सड़कों पर सफर करने वाले हर उस व्यक्ति के सफर को सुगम बना रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि इतने ऊंचे पहाड़ों पर साइक्लिंग करना कोई सोच नहीं सकता परंतु सीमा सड़क संगठन द्वारा इतने बेहतर रोड्स बनाए हैं जिसकी वजह से यह संभव हो पाया है । उन्होंने नौजवानों खासकर महिलाओं से भी बीआरओ की इन बेहतर सड़कों पर साइक्लिंग जैसे। साहसिक खेल का अनुभव लेने आह्वान किया। इस अवसर पर कमांडर गौरव ने कहा कि बीआरओ के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि देश के युवा अब कठिन परिस्थितियों में देश सेवा में लगे सीमा सड़क संगठा के जवानों की कड़ी मेहनत को पहचानने लगे हैं ।