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विधायक अनुराधा राणा ने शोभा यात्रा में लिया भाग दीप प्रज्वलितकर प्रथम सांस्कृतिक संध्या क्या किया आगाज
तूफान मेल न्यूज,केलांग।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल स्पीति के उदयपुर मंडल के तहत स्थित त्रिलोकीनाथ धाम में आयोजित होने वाला पोरि मेले का आगाज आज शाम 5 बजे शोभायात्रा के किया गया।
इस मौके पर लाहुल स्पीति की विधायक अनुराधा राणा हिंसा गांव से शोभायात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष बीना देवी, एसडीएम उदयपुर व गण मान्य लोगों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
शोभायात्रा हिंसा गांव से चलकर त्रिलोकी नाथ धाम में मेला ग्राउंड तक पहुंची । इस दौरान स्थानीय महिला मंडल तथा विभिन्न सांस्कृतिक दलों के अलावा धार्मिक वाद्य यंत्रों के साथ मधुर धुनों सहित शोभायात्रा भगवान त्रिलोकी नाथ का गुणगान करते हुए मेला मैदान तक पहुंची। प्रथम सांस्कृतिक संध्या का आगाज विधायक अनुराधा राणा ने दीप दीप प्रज्वलित कर विधि-वत रूप से किया और जिला वासियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके मंगलमय जीवन की भी कामना की।
देवभूमि हिमाचल प्रदेश के पूर्व-उत्तर दिशा में जिला लाहौल स्पीति के उदयपुर उपमंडल मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर चन्द्रभागा नदी के बाएं तट पर ऊँची पहाड़ी पर स्थित श्री भगवान त्रिलोकीनाथ जी का लगभग दसवीं शताब्दी में निर्मित पुरातन मन्दिर स्थित है। इस मन्दिर में जो मूर्ति स्थापित है जिसकी चार भुजाएं हैं व मूर्ति के सिर पर एक मूर्ति विद्यमान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन्हें अनाज गुरु माना जाता है। त्रिलोकीनाथ जी को सर्व धर्म के लोग बड़ी श्रद्धा के अनुसार पूजते है और लोगों की गहरी आस्था है। इस मंदिर में बाहरी क्षेत्रों से भी हजारों श्रद्धालु नतमस्तक हुए हैं ।
खासकर लाहौल में हिन्दू व बौद्ध दोनों धर्मों के लोग पूजते है, जहां हिन्दू भगवान शिव के रूप में पूजते हैं तो वहीं बौद्ध धर्म के लोग अवलोकितेशवर भगवान के रूप मानते व पूजते हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार इस मन्दिर को चार धामों में से एक धाम भी माना जाता है।
एसडीएम उदयपुर एवं पोरि मेला के अध्यक्ष केशव राम ने विधायक अनुराधा राणा का स्वागत किया और मेले के आयोजन संबंधी तमाम जानकारी से अवगत करवाया।
मेले के दौरान स्थानीय धार्मिक परंपराओं के अनुसार पूजा अर्चना का भी निर्वहन किया गया ।
तथा विभिन्न सांस्कृतिक दलों के साथ-साथ प्रदेश के प्रमुख कलाकारों ने मेले की सांस्कृत संध्याओं में रंगारंग प्रस्तुतियों से समा बांधे।