तुफान मेल न्यूज, आनी
आनी खण्ड की बेहना पंचायत निवासी डॉ भारत भूषण ( आयुर्वेद ) द्वारा आयुर्वेदा में एमडी कर रहे अभ्यर्थियों को नेशनल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट की तैयारियां करने के लिए एक किताब लिखी गयी है।उन्होंने यह किताब राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेदिक पीजी कॉलेज एवं हॉस्पिटल पपरोला में एमडी ( आयुर्वेद ) की अंतिम वर्ष की पढ़ाई के दौरान लिख डाली है।यह किताब देशभर में एमडी ( आयुर्वेद ) करने वाले अभ्यर्थियों को नेशनल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट ( एनटीईटी ) की तैयारियों में सहायता करेगी। डॉ0 भारत भूषण ने बताया कि यह किताब लिखने वाले वे हिमाचल के पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं।उन्होंने बताया कि पहले पीजी करने के बाद सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर लग जाते थे।लेकिन अब नेशनल कमीशन फ़ॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन ( एन.सी.आई.एस.एम) द्वारा बीएएमएस के बाद एमडी करने, असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए एक टेस्ट देना अनिवार्य किया गया है। उस टेस्ट को ध्यान में रखकर ही उनके द्वारा यह किताब लिखी गयी है।डॉ0 भारत भूषण ने बताया कि इस किताब की को-ऑथर डॉ शिल्पा ठाकुर हैं जो बिलासपुर से सम्बंधित हैं और वर्तमान में आयुर्वेदिक मेडिकल अफसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं।डॉक्टर भारत भूषण ने बताया कि इससे पूर्व भी उन्होंने दो किताबें ( टेक्स्ट बुक ऑफ अगद तंत्र और टेक्स्ट बुक ऑफ व्यवहार आयुर्वेद ) लिखी हैं जो बीएएमएस के द्वितीय वर्ष के सिलेबस के अनुसार हैं और देशभर में उन किताबों से पढ़ाई की जा रही हैं।इन दो किताबों में से दूसरी पुस्तक में कुठेढ निवासी डॉ आशीष ठाकुर उनके को-ऑथर हैं।ऐसा करने वाले ये दोनों होनहार डॉक्टर प्रदेश के पहले स्नातकोत्तर हैं।डॉक्टर भारत भूषण के 12 रीसर्च पेपर्स देश की कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में छप चुके हैं।जबकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सेमीनार और कार्यशाला वगैरह में भी अपने लेक्चर दे चुके हैं।इस पुस्तक के लिए प्रस्तावना आयुर्वेदिक कॉलेज पपरोला के डीएन एवं प्रिंसीपल प्रोफेसर विजय चौधरी , प्रोफेसर जर्म सिंह, प्रोफेसर मुन्ना लाल प्रजापति ,डॉ0 राजवीर, डॉक्टर कुलविंदर और डॉ0 महेश के द्वारा दी गयी है।डॉक्टर भारत भूषण ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता, गुरुजनो को दिया है।