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तुफान मेल न्यूज, कुल्लू।
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कुल्लू ज़िला की चर्चित एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण घाटी मणिकर्ण स्थित बरशैणी-खीरगंगा मार्ग पर स्थानीय युवकों ने विभिन्न जगहों पर कूड़ेदान लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है। खीरगंगा स्थित हिलटॉप कैंपिंग साइट के संचालक बीरबल ने जानकारी दी कि बरेशैणी से खीरगंगा होते हुए यह टैकिंग-मार्ग पिन दर्रा होकर स्पिति घाटी को निकलता है तथा प्रतिवर्ष यहां से होकर हज़ारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं और कूड़े को बेहरतीब ढंग से जहां-तहां फैंक देते हैं, जिससे यहां के स्वच्छ पर्यावरण पर प्रभाव पड़ रहा है।
इसी के मध्यनज़र उन्होंने बरेशैणी स्थित देव कैफे के संलाचक के साथ मिलकर बरेशैणी से खीरगंगा तक 20 से अधिक कूड़ेदानों को स्थापित किया है ताकि यहां चलने वाला प्रत्येक राहगीर खाली बोतलों, कूरकुरे, चिप्स व अन्य पैकिंग के खाली लिफाफों को इनमें डाल दें ताकि उनकी टीम उसका बेहतरीन टिपटान कर सकें।घाटी के पर्यावरणविद्, पर्वतारोही एवं पार्वती वैली टूर ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष डीआर सुमन ने इस अवसर पर कहा कि एशिया के बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट्स में से एक पार्वती जल-विद्युत परियोजन के अतिरिक्त यहां दर्जनों छोटे-बड़ी बिजली परियोजनाएं हैं, जिनके माध्यम से लाडा-साडा योजना के तहत करोड़ों रुपए की धनराशि ज़िला प्रशासन के पास जमा होती है। उन्होंने कहा कि इस राशि का सदुपयोग घाटी के धार्मिक-पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण पर किया जा सकता है, लेकिन विडम्बना यह है कि खीरगंगा जैसे धार्मिक स्थल के रास्ते पर प्रशासन ने एक भी डस्टबिल नहीं लगा रखा है। इसलिए वह समय-समय पर स्थानीय युवकों को पर्यावरण के प्रति सजग एवं संवेदनशील रहने को लेकर जागरूक करते रहते हैं। इसी के फलस्वरूप आज स्थानीय युवकों द्वारा यह सराहनीय कार्य किया गया है। उन्होंने कहा है कि घाटी के अन्य जगहों के युवा भी इस प्रकार के जनहित के कार्यों में अपना योगदान दें ताकि हम सब मिलकर इस पावन धरा की स्वस्छता एवं सुंदरता को बनाए रखें।