तुफान मेल न्यूज, कुल्लू। बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी को जवाब देना होगा कि एनएच 305 में जो आपकी सरकार के समय कटिंग हुई उसके पत्थर कहां है। विधायक स्वयं कह रहे हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान एनएच 305 औट-लुहरी सड़क की कटिंग करवाई,सड़क का चौड़ीकरण किया गया लेकिन उस कटिंग में जो मक निकला वोह कहां है।

यह सवाल बंजार विधानसभा क्षेत्र से आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके महेश्वर सिंह के छोटे पुत्र हितेश्वर सिंह ने बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी से पूछा है। वे यहां प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बंजार के विधायक पिछले सात वर्षों से हैं और पांच वर्ष सत्ता में भी रहे लेकिन अपनी सरकार व सत्ता के दौरान वोह एनएच 305 को बना नहीं पाए और जो भी किया वह सब उल्टा किया और अब वर्तमान सरकार के उपर सारा ठीकरा फोड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिस सड़क की चौड़ीकरण का श्रेय विधायक ले रहे हैं उसमें उन्होंने पहले टायरिंग करवाई और बाद में कटिंग। कटिंग के बाद टायरिंग तो खराब होनी थी। उसके बाद डिजास्टर आया और अब ठेकेदार व वर्तमान सरकार पर अपने गलत कर्मो का ठीकरा फोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में वे कुछ नहीं कर पाए तो अब अपनी नाकामयाबियों को ठेकेदार व सरकार के सर थोंप रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक बताएं कि जिस ठेकेदार को एनएच 305 का कार्य दिया था क्या उसकी डिफाल्टर लाईविलिटी कब तक थी क्या स्टेट डिजास्त घोषित होने के बाद भी लाईविलिटी ठेकेदार की है या नहीं इसका जवाब विधायक को देना चाहिए।

पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं युवा नेता हितेश्वर सिंह ने गुरुवार को कुल्लू में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि एनएच 305 पूरी बंजार घाटी को जोड़ता है। लेकिन यह बेहद खस्ताहाल हो गया है। हालांकि बड़ी संख्या में पर्यटक भी बंजार में आ रहे हैं।
एक अप्रैल को राजनीति के ऊपर उठकर एनएच संघर्ष समिति के बैनर तले लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। लेकिन विधायक एक प्रैस वार्ता में कहते हैं प्रदर्शन में सत्ता से जुड़े लोग भी थे, यह बात उनको नहीं बोलनी चाहिए थी।
वर्ष 2012 में औट-लुहरी-सैंज के एनएच बनने की अधिसूचना जारी हुई थी। बंजार विधायक पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विधायक ने एनएच को लेेकर विधानसभा में आवाज क्यों नहीं उठाई। आपकी एक तो डीपीआर नहीं बनती और फिर मंजूर नहीं होती। उन्होंने टारिंग होने के बाद पहाड़ी की कटिंग का मामला भी उठाया। जून 2019 में भियोट मोड़ पर बस गिरने से 46 लोगाें की मौत हो गई थी और 36 घायल हो गए थे। हैरान करने वाली बात है कि यह मोड़ आज भी वैसा है। इसकी विधायक ने कोई पूछताछ नहीं की जबकि उनकी यह जिम्मेवारी बनती थी। विधायक अच्छी चीजों का श्रेय को लेते हैं, लेकिन बुरी चीजों की जिम्मेवारी कौन लेगा।