Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
तुफान मेल न्यूज, कुल्लू
देखें वीडियो,,,,,,,,,
सृष्टि की रचना कर स्वर्गलोक से धरतीलोक पर उतरे देव श्रीबड़ा छमाहूं,दर्शन को उमड़ी हजारों की भीड़ – चौवालिस हजार रानियों की कैद से रस्सा से खींच कर देवता को किया आजाद तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। आज के दिन सृष्टि उतपन्न हुई है और स्वभाविक है कि सृष्टि के रचयिता का अवतार भी आज ही है। सृष्टि के रचनाकार देव श्रीबड़ा छमाहूं आज सृष्टि की रचना कर स्वर्गलोक से धरतीलोक पर उतरे हैं और यहां हजारों श्रद्धालुओं ने उनका भव्य स्वागत किया और दर्शन कर पुण्य कमाया। देव श्रीबड़ा छमाहूं के भव्य कोट कोटला में नव संबत का आयोजन हुआ। स्वर्गलोक से लौटते ही देव सबसे पहले अपनी चौवालिस हजार रानियों से मिलने चवाली माता गए।
देवता की भव्य शोभायात्रा कोटला गांव से चवाली माता तक पहुंची। यहां अपनी रानियों से देवता ने भव्य मिलन किया और देव कार्यवाही हुई। इस दौरान जब देवता को बापसी लाने का प्रयास किया जाता है तो योगनियां देवता को अपने आगोश में कैद कर देती है। सैंकड़ों लोग देवता को खींचते हैं लेकिन देव रथ टस से मस नहीं होता। इसके बाद देवता को रस्सा लगाकर सैंकड़ों लोगों द्वारा खींचा गया फिर भी देवता एक इंच भी नहीं हिले।
उसके बाद रस्से में परंपरा अनुसार झुठ लगाई गई तभी योगनियों की कैद से देवता मुक्त हुए और देवता की शोभायात्रा कोटला गांव तक बापस लाई गई। जहां हजारों लोगों ने देवता का भव्य स्वागत किया। यहां देवता के छोटे भाई धामणी छमाहूं के साथ देवता का भव्य मिलन हुआ उसके बाद दर्जनों महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में देवता को धूप चढ़ाया। यह दृश्य भावविभोर करने बाला होता है। इसके बाद नव संवत मेले का आयोजन हुआ और आज से देवता हर दिन क्षेत्र में हाजिर रहेंगें।
गौर रहे कि देव श्रीबड़ा छमाहूं सृष्टि के रचयिता है और ब्रह्म,विष्णु,महेश,आदी,शक्ति व शेष के अवतार हैं। छमाहूं का अर्थ है छह जमा मुंह यानि कि छह देवों का समूह जिन्होंने सृष्टि की रचना की थी। इसीलिए सृष्टि अवतार के दिन ही देव श्रीबड़ा छमाहूं का अवतार उत्सव माना जाता है।गौर रहे कि देव श्रीबड़ा छमाहूं सृष्टि के रचयिता है और ब्रह्म,विष्णु,महेश,आदी,शक्ति व शेष के अवतार हैं। छमाहूं का अर्थ है छह जमा मुंह यानि कि छह देवों का समूह जिन्होंने सृष्टि की रचना की थी। इसीलिए सृष्टि अवतार के दिन ही देव श्रीबड़ा छमाहूं का अवतार उत्सव माना जाता है।