तूफान मेल न्यूज,डेस्क। सुक्खू सरकार के खिलाफ खेला खेलने बाले छह बागी विधायकों के साथ अब भाजपा ने भी बड़ा खेला खेल दिया है। जो घटनाक्रम हुआ वह किसी से छुपा नहीं है। पहले कांग्रेस के एक गुट ने इन्हें बगावत की चक्की में धकेल कर पीस दिया और अब भाजपा ने भी बड़ा खेला खेल दिया है। हालांकि भाजपा को शायद यह लगा कि इन छह विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान ही उपचुनाव करके मोदी लहर का फायदा उठाया जा सकता है और छह की छह सिटें जीतकर सुक्खू सरकार को सत्ता को बाहर किया जा सके। लेकिन भाजपा इस दौरान बड़ी चूक खा चुकी है। इस समय बागी विधायकों के खिलाफ उनकी विधानसभा क्षेत्र में लोगों के बीच बगावत है और लगता है कि भाजपा भी छह के छह कांग्रेस के विधायकों को चुनावी मैदान में उतारकर अपने वेटिंग लिस्ट पर बैठे लोगों से दुश्मनी नन्हीं लेगी। अब देखना यह है कि हर्ष महाजन की सांसदी की बलि चढ़े छह विधायकों को भाजपा टिकट देती है या नहीं। टिकट देती है तो अपने लोगों का विरोध भी झेलना पड़ सकता है। अभी तक नजर आ रहा है उससे यही दिख रहा है कि छह विधायकों का खेला लगभग समाप्त है। हालांकि इन विधायकों को आखिरी आस बची है तो वह है सुप्रीम कोर्ट।

सुप्रीम कोर्ट इन विधायकों को राहत देता है तो तभी इनकी साख व विधायकी बच सकती है अन्यथा चुनावी प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस समय भाजपा को लग रहा है कि मोदी लहर में वे सभी छह विधानसभा में बाजी मार सकते हैं लेकिन भाजपा को सुक्खू की चाल को भी कमजोर नहीं आंकना चाहिए। क्योंकि निचले क्षेत्र को लंबे अरसे के बाद सीएम व उप मुख्यमंत्री मिलें हैं इसलिए निचले क्षेत्र के लोग कभी नहीं चाहेंगे कि उनके हाथ से यह बाजी जाए। लिहाजा उपचुनाव कड़े मुकाबले में होने बाला है। इस बीच कांग्रेस को पूर्ण बहुमत के लिए मात्र 2 सीटों की आवश्यकता है जबकि भाजपा को इस समय जीत के लिए मुकाबले के लिए छह की छह सीटों की जरूरत है तब जाकर भाजपा के पास फ्लोर टेस्ट का विकल्प है। अब देखना यह है कि इस पूरे खेले में क्या होता है।
