पारंपरिक परिधान की बुनाई से ग्रामीणों की आर्थिकी में आई नई जान


Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
Spread the love

जाइका के तहत स्वयं सहायता समूहों को ट्रेनिंग देकर मिसाल बने कुल्लू के जुगत राम
-कुल्लू-किन्नौरी स्टॉल उद्योग शमशी ने नारायाण स्वयं सहायता समूह को दिया 5 लाख के स्टॉल का ऑर्डर

तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। जाइका वानिकी परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित हिमाचल की पारंपरिक परिधानों की बुनाई से ग्रामीणों की आर्थिकी में नई जान आ गई। ग्राम वन विकास समिति बाराहार कुल्लू के अंतर्गत नारायण स्वयं सहायता समूह बरोगी ने 45 दिन के प्रशिक्षण के बाद शॉल, स्टॉल और बास्केट यानी हॉफ जैकेट तैयार कर उसे मार्केट में अच्छी-खासी कीमत मिल रही है। यहां तक कि ट्रेनिंग के दौरान ही 35 हजार रूपये की बिक्री भी हो गई। जाइका के तहत हैंडलूम के मास्टर ट्रेनर जुगत राम ग्रामीणों को आजीविका कमाने के इस रास्ते में मिसाल बन चुके हैं। वह अब तक कुल्लू जिला के 16 स्वयं सहायता समूहों को ट्रेनिंग दे चुके हैं। जिन-जिन स्वयं सहायता समूहों को उन्होंने ट्रेनिंग दी वे अब बेहतरीन क्वालिटी के कुल्लवी शॉल व स्टॉल तैयार कर रहे हैं, जिसे ओपन मार्केट में भी अच्छी कीमत मिल रही है। जुगत राम ने बताया कि नारायण स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित कुल्लू एवं किन्नौरी स्टॉल तैयार करने के लिए शमशी स्थित कुल्लू-किन्नौरी स्टॉल उद्योग ने पांच लाख का ऑर्डर दिया है। ऐसे में जाहिर है कि जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित पारंपरिक परिधान को पहचान मिल चुकी है। मास्टर ट्रेनर जुगत राम ने बताया कि परियोजना के मुख्य परियोजना अधिकारी नागेश कुमार गुलेरिया के अथक प्रयासों से ही आज प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आजीविका कमाने एवं आर्थिकी सुधार का बेहतर अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे वर्ष 2021 से जाइका वानिकी परियोजना में हैंडलूम सेक्टर में एक मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभा रहे हैं। जुगत राम ने स्वयं सहायता समूहों की इस सफलता के लिए मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया का आभार व्यक्त किया है।
बाक्स:
कुल्लू जिले में 106 एसएचजी हैंडलूम सेक्टर में कर रहे काम
जाइका वानिकी परियोजना हैंडलूम सेक्टर में बेहतरीन कार्य कर रही है। जाइका से जुड़े विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार हो रहे हथकरघा एवं बुनकर उत्पादों को नई पहचान मिल रही है। कुल्लू जिले में 106 स्वयं सहायता समूह हैंडलूम सेक्टर से जुड़ हैं, जिनमें 72 ग्रुप एक्टिव तरीके से काम कर रहे हैं। यह परियोजना विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए भी कार्य कर रही है। हिम ट्रेडिशन नामक ब्रांड से उत्पादों की ब्रिकी की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!