डर के साए में जीने को मजबूर ग्रामीण पहुंचे डीसी के द्वार
तूफान मेल न्यूज,नाहन। जिला सिरमौर स्थित गांव खतवाड़ गांव का अस्तित्व मिटाने की कगार पर पहुंच गया है। तो वही गांव के 25 परिवार सरकार की अनदेखी व खनन माफिया की दादागिरी के आगे विस्थापन को लेकर तैयारी में जुट गए हैं। यह मार्मिक और लाचारी का दर्द बुधवार को खटवाड़ गांव के लोगों ने प्रेस वार्ता के माध्यम से मीडिया के समक्ष रखा।
वार्ता को संबोधित करते हुए अतर सिंह व सतपाल चौहान ने बताया कि मौजूदा समय में गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल में आई आपदा के बाद भी यहां हो रहे अवैज्ञानिक खनन को रोकने के लिए संबंधित विभाग भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा हैं। बरहाल स्थानीय ग्रामीणों में जहां संबंधित विभागों के खिलाफ रोष पनपा है तो वहीं ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर हैं। समस्या को लेकर ग्रामीण आज डीसी सिरमौर सुमित खिमटा के द्वारा पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने अवैज्ञानिक खनन और अवैध डंपिंग रोकने व गांव को किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर बसाने की गुहार लगाई।
नाहन में मीडिया से रूबरू हुए गांव खतवाड़ के ग्रामीण अतर सिंह ने बताया कि गांव पिछले 3 दशकों से तिल तिल कर खाई की तरफ खिसकता जा रहा है। गांव की सैकड़ो बीघा जमीन और मकान खाई में समा चुके हैं। जबकि लगभग दो दर्जन मकानों में दरारें आ गई है। इनमें से अधिकतर मकान रहने लायक नहीं बचे हैं। ग्रामीणों ने गांव के पास चल रही चूना पत्थर खदानों पर हो रहे अवैज्ञानिक खनन को त्रासदी के लिए जिम्मेदार बताया है। उन्होंने इस दौरान वन विभाग समेत खनन विभाग को भी आड़े हाथों लिया है और यहां विभागों पर आवैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे खनन माफिया की पैरवी करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत करने पर भी विभाग कार्रवाई नहीं करते हैं । उन्होंने कहा कि यहां संबंधित खदान लगातार नियमों को ताक पर रख कर कार्य कर रही है । हरे भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है । वन विभाग की भूमि से हजारों बेश कीमती पेड़ काट दिए गए हैं लेकिन वन विभाग के अधिकारी एक बार भी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। इसी प्रकार खनन माफिया के जिलाधिकारियों का हाल हैं ।
उन्होंने आरोप लगाया अगर यहां चलाई जा रही खदान मालिकों से समस्या को लेकर बात करने जाएं या फिर प्रशासन को शिकायत करें तो यह लोग गुंडागर्दी पर उतर आते हैं। अतर सिंह ने बताया कि कथित माफिया स्थानीय ग्रामीणों को जहां डराते धमकाते हैं तो वहीं जान से मरने तक की धमकियां दी जाती है उन्होंने कहा कि यह खदान मालिक जहां सरकारी भूमि पर अभी कब्जे कर और आवैज्ञानिक तरीके से कार्य कर रहे हैं तो वहीं गांव के लोगों की भी भूमि पर अवैध कब्जे कर लगातार नियमों का ताक पर रखकर कार्य किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा खामियाजा स्थानीय ग्रामीणों भुगतना पड़ रहा है । वार्ता में गांव से आए दर्जनों ग्रामीण भी शामिल रहे
खनन से खतवाड़ गांव के अस्तित्व पर संकट ,लोग विस्थापन की तैयारी में
