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तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।
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किसी भी जिला की खुशहाली में डीसी की अहम भूमिका होती है। आईएएस अधिकारी कुशल नेतृत्व के हों तो उस जिला का चहुमुखी विकास,सुख शांति व सौहार्दपूर्ण माहौल संभव है। हंसमुख,प्रसंचित, बुद्धिमत्ता,ऊर्जावान,दृढ़ निश्चयी,रुचिबान,नैतिकतावादी,आत्मविश्वासी,आत्मसयमी व लग्नशीलता यह सभी गुण एक आईएएस अधिकारी में हो तो उस जिला की जनता में भी यह सभी गुण आ जाते हैं और जिला हर क्षेत्र में आसमान की बुलंदियों को छू लेता है। जिस भी क्षेत्र,देश,प्रदेश व जिला का प्रमुख मजबूत हो तो वह क्षेत्र,देश,प्रदेश व जिला मजबूत हो जाता है। उपरोक्त सभी वाक्य आईएएस अधिकारी हिमाचल के गबरू डीसी आशुतोष गर्ग पर स्टीक बैठते हैं। निर्भीक एवं स्टीक निर्णय लेने बाले डीसी आशुतोष गर्ग देवभूमि जिला कुल्लू के लिए एक एक देवता बनकर आए हैं यह शीर्षक हम खबर की सुर्खियां बनाएं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिला कोरोना के भयावह से उभरा ही नहीं था कि आशुतोष गर्ग के चरण पड़ते ही जिला में खुशहाली आना शुरू हुई। खास बात यह रही कि डीसी गर्ग के दरवार में जो भी आया हो वह खाली हाथ नहीं गया। पहली बार सत्तापक्ष,विपक्ष,आम जनता व मीडिया में गर्ग की कार्यकुशलता की वेहद सराहना होना सच में काबिलेतारीफ है।
कोई ऐसी पंचायत नहीं होगी जिसके विकास के लिए जिलाधीश की ओर से कोई सहयोग न मिला हो और कोई ऐसी संस्था नहीं जो डीसी के कार्य से निराश हो। चारों तरफ डीसी के स्वभाव व कार्यकुशलता की सराहना इस बात के गवाही है कि सच में देवभूमि खुशहाल स्थिति में हैं। प्राकृतिक आपदा के दौरान कठिन परिस्थितियों ने भी जिला प्रमुख की परीक्षा ली और कड़ी चुनौतियों को चीरते हुए आशुतोष गर्ग की नाव तेज लहरों के बीच भी उस पार पहुंचने में कामयाब हुई और लोगों की बहुमूल्य जानों को भी बचाया गया। आपदा के बाद उभरे जख्मों को मरहम ही नहीं लगाया बल्कि जख्म पूरी तरह से भर दिए गए और आज कुल्लू भारी तबाही से उभर कर विकास की पटरी पर लौट आया है। जिला में हर प्रभावित व विस्थापित परिवारों का पुनर्वास लगभग पूरा होने बाला है और सभी उस भयानक सपने से उभर कर खुशहाली भरा जीवन जीने में मशगूल हो गए हैं। फौरी इंतजाम कामयाब रहे और अब लोगों को भविष्य की चिंता सताने से पहले ही उनके गांव,उनके आशियानों के अस्तित्व को बचाने का कार्य जमीनी स्तर पर शुरू हो गया है। नदी के मुहानों पर बसे लोगों के जीवन बचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य होना स्वभाविक तौर पर सराहनीय है। यही नहीं जिला के लिए कई नई बड़ी एवं कारगर योजनाएं हमेशा भविष्य में भी डीसी आशुतोष गर्ग की कार्य क्षमता की यादें ताजा करती रहेगी। 24 घण्टे बिना थकावट जनता की सेवा करने का जुजून एक युवा अधिकारी में ही हो सकता है जिसमें कुछ करने की शक्ति व क्षमता निरंतर जारी रहती है। कुछ यादगार योजनाएं जो मील का पत्थर साबित हुई है उनमें ग्रामीण ज्ञान केंद्र लाइवरेरी का निर्माण शामिल है। यह ज्ञान केंद्र ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए बरदान साबित हुए हैं। डीसी आशुतोष गर्ग द्वारा निमत जिला में 27 ज्ञान केंद्र काम कर रहे हैं जबकि 10 ज्ञान केंद्र पाइप लाइन में हैं। यह युवा अधिकारी की एक दूरदर्शी सोच रही है। जलोड़ी जोत माइक्रो फ्रेंडली मार्किट,पानी व विजली की व्यवस्था करना वेहद सुंदर मार्किट है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। मनाली में 125 करोड़ से निर्मित बोल्बो बस स्टैंड जहां पर्यटन को पंख लगा रहा है वहीं इस निर्माण के कारण ही आपदा में यह स्थान बच पाया है और अरबों की संपति संरक्षित हुई है। मढ़ी में इको फ्रेंडली मार्किट, सोलंग नाला में इको फ्रेंडली और व्यस्थित मार्किट, कुल्लू मार्किट,बैटमिंटन इंडोर स्टेडियम ,लाइवरेरी को अतिरिक्त कमरे,आपदा में बहुत कार्य,हर पंचायत को किसी न किसी तरीके से सहायता पहचाने सहित अनेक बड़े कार्य हैं।
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2014 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं आशुतोष गर्ग…………….
आशुतोष गर्ग हिमाचल प्रदेश कैडर के 2014 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। वह बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी से इंजीनियरिंग स्नातक हैं। प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के बाद, उन्होंने उप-मंडल मजिस्ट्रेट नालागढ़ और उप-मंडल मजिस्ट्रेट,सोलन के रूप में कार्य किया है।
बाद में उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारी, हिमऊर्जा के अतिरिक्त प्रभार के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश सरकार में विशेष सचिव, बहुउद्देशीय परियोजनाओं और बिजली की जिम्मेदारी भी संभाली। इसके बाद उन्होंने मंडी के अतिरिक्त उपायुक्त के रूप में कार्य किया।
उपायुक्त कुल्लू के रूप में नियुक्त होने से पहले, वह हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव के रूप में तैनात रहे।