बड़ी खबर: लुहरी जल विद्युत परियोजना को 22 लाख का जुर्माना,डीसी आशुतोष गर्ग के सामने वन विभाग ने कबूला


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तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। लुहरी जल विधुत परियोजना द्वारा पर्यावरण के साथ बड़े स्केल पर खिलवाड़ किया जा रहा है। इसका पता तब चला जब लुहरी जल विद्युत परियोजना की पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना समिति की समीक्षा बैठक
उपायुक्त आशुतोष गर्ग की अध्यक्षता में आज हुई । वहां के पंचायत प्रतिनिधियों ने शिकायत की और वन विभाग ने जवाब दिया कि अभी तक 22 लाख का जुर्माना लगा दिया है। हालांकि यह रकम काफी कम है और अभी और जुर्माना लग सकता है। यहां लुहरी जल विद्युत परियोजना की पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई ।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने परियोजना प्रबंधन को प्रभावितो के प्रति संवेदनशीलता पूर्ण व्यवहार करने तथा बैठक में लिये गये निर्णय का समयबद्ध अमलीजामा पहनाने के निर्देश दिये। बैठक में पूर्व की बैठक में लिये गए निर्णय की समीक्षा की गई ।बैठक में बताया गया कि परियोजना निर्माण मकानहीन हुये छह परिवारों के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है । उपमंडलाधिकारी निरमण्ड को चयनित भूमि पर 6 परिवारों के मकान का टीपीसी नियमों के अनुसार नक्शा तैयार करने तथा परियोजना प्रबंधन को मकान निर्माण के लिए धनराशि जारी करने के निर्देश दिये।बैठक में परियोजना प्रभावितो को परियोजना निर्माण के कारण आ रही समस्याओं का निराकरण करने के लिए एसडीएम निरमण्ड की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का निर्णय लिया ।बैठक में प्रभावित क्षेत्रों में खराब हुए रास्तों के मरम्मत व शमशान घाट निर्माण का मुद्दा भी सदस्य द्वारा उठाया गया ।जिस पर उपायुक्त ने कहा कि इसके समाधान के लिए उपमंडल अधिकारी निरमंड की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाए जिसमें प्रभावित स्थानीय ग्राम पंचायत के प्रधान सहित अन्य को शामिल किया जाए तथा समय समय पर परियोजना प्रबंधन के साथ बैठक की जाए ताकि प्रभावितों की समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित हो सके
बैठक में सदस्यों द्वारा परियोजना कार्य मे विस्फोटो के कारण प् मकानो में आई दरारों का भी मामला उठाया गया । उपायुक्त ने उप मण्डलधिकारी को जाँच कर इस बारे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ।
बैठक में पलंगनी में स्टोन क्रशर से हो रहे प्रदूषण का भी मामला उठाया गया तथा सदस्यों का कहना था कि प्रदूषण के कारण न केवल फसलों को बल्कि मानव, पशु धन व घास इत्यादि को भी नुकसान हो रहा है बैठक में निर्णय लिया गया कि पशुपालन विभाग के उपनिदेशक पशु धन पर प्रदूषण से हो रहे नुकसान और मुख्य चिकित्सा अधिकारी लोगों के स्वास्थ्य पर प्रदूषण से हो रहे नुकसान का आकलन करेंगे। बैठक में बताया गया कि प्रदूषण के कारण फसलों के हुए नुकसान की राशि अधिकतर प्रभावितों को जारी कर दी गई है शेष बचे प्रभावितों को जारी कर दी जाएगी। बैठक में सदस्यों द्वारा परियोजना प्रबंधन द्वारा मिट्टी को नदी में डाले जाने का भी मामला उठाया गया तथा कहा गया कि इससे जल प्रदूषित हो रहा है । वन मंलाधिकारी लुहरी ने बताया कि विभाग द्वारा परियोजना प्रबंधन को मिट्टी फेंकने के कारण पर्यावरण को हुए नुकसान का 22 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बैठक की कार्यवाही का संचालन अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अश्विनी कुमार ने किया।
बैठक में एसडीएम निरमण्ड मनमोहन सिंह सहित लुहरी जल विद्युत परियोजना के के अधिकारी व प्रभावित ग्राम पंचायत के प्रधान व अन्य उपस्थित थे।
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बड़े स्तर पर हुई है धांधली बताया जा रहा है कि लुहरी प्रोजेक्ट ने पर्यावरण के साथ बड़े स्तर पर धांधली हुई है और पर्यावरण की धज्जियां उड़ाई जा रही है। अब यह मामला सामने आया है।

प्रभावितों व विस्थापितों को किया जाए पुनर्वास

डीसी ने आदेश दिए हैं कि प्रभावितों व विस्थापितों का पुर्नवास किया जाए। जो भी लोग प्रभावित हुए हैं उन्हें उचित मुआवजा व जो विस्थापित हुए हैं उनका पुनर्वास किया जाए।

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