-रेड क्रॉस का तंबोला क्यों बिका सस्ते में इसके पीछे किसका हाथ
तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।
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बंजार विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा है कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर दशहरा पर्व के मूल स्वरूप को बदला गया है और देव संस्कृति से छेड़छाड़ हुई है। उन्होंने कहा कि दशहरा का मूल स्वरूप है और उस स्वरूप को बदलना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि इस बार दशहरे पर्व का पूरी तरह कांग्रेसीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी भी कांग्रेसीकरण में मस्त हो गए हैं और कांग्रेस के नेताओं के कहने पर ही काम कर रहे हैं। वे यहां प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देवताओं को बल पूर्वक यहां से निकालने का प्रयास किया गया। देव संस्कृति को खंडित किया गया है और देव समाज को आहत किया। उन्होंने दशहरा कमेटी के अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि उन्होंने वन मेन आर्मी बनकर काम किया। सबकुछ खुद करने में जुटे रहे और अधिकारियों को कुछ नहीं करने दिया और अधिकारियों को यह कहकर के दरकिनार किया गया कि जो कुछ जानता हूँ तो सिर्फ मैं जानता हूं बाकी कुछ नहीं जानते।
उन्होंने कहा कि किसी को भी विश्वास में नहीं लिया गया न तो अधिकारियों की सुनी गई और न ही सदस्यों की। यहां तक कि मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड व सांसद प्रतिभा सिंह तक को विश्वास में नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की पोल तो उनकी ही सांसद एवं कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने खोल दी। उन्होंने बयान दिया कि दशहरे पर्व में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है जैसे आजतक मनाते थे वैसे ही मना रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि होटल के कमरे भी कांग्रेसियों को दिए गए और बाहरी कलाकारों पर धन की वर्षा की गई। अपनी संस्कृति को दरकिनार कर पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ाबा दिया गया। शौरी ने कहा कि अव्यवस्था इतनी थी कि दशहरा मैदान के अधिकतर प्लाट खाली रहे और गरीब लोगों की रेहड़ी-फहड़ियां नहीं लगने दी। जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार गरीब विरोधी है।
तंबोला की ऑक्शन पर उठाए सवाल
विधायक सुरेंद्र शौरी ने तंबोला के ऑक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि गत वर्ष तंबोला एक करोड़ 72 लाख में गया था लेकिन इस बार सिर्फ 64 लाख में कैसे गया। इसके पीछे किसका हाथ है इसका स्पष्टीकरण देना होगा। उन्होंने कहा कि यह पैसा गरीबों के इलाज को जाता था।