तूफान मेल न्यूज,सैंज।
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में शुक्रवार को करीब 2 बजे रात्रि देवी देवताओं के टैंट में आग लगने की घटना घटी है जिसमें मार्कंडेय ऋषि पेडचा व जीभी के शेषनाग को आगजनी की घटना से लाखों का नुकसान हुआ है।

वही अग्निकांड से दशहरा उत्सव में विराजमान हुए एक दर्जन से अधिक देवी देवताओं के अस्थाई शिविरों में देवी देवताओं के साजो समान वाद्य यंत्रों सहित कई देव रथो को भी नुकसान हुआ है। भाजपा नेता आदित्य विक्रम सिंह ने सरकार से मांग की है कि दशहरा उत्सव में हुए अग्निकांड से प्रभावित सभी देवी देवताओं को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए ।

शुक्रवार देर सांय निरमंड क्षेत्र के नोर गांव के मार्कंडेय ऋषि को घटना घटने का अंदेशा पहले ही हो गया था जब नोर गांव के मार्कंडेय ऋषि वंजार के मार्कंडेय ऋषि पेडचा से मिलने पहुंचे तो भव्य मिलन के बाद मार्कंडेय ऋषि नोर ने अपने अस्थाई शिविर में जाने से साफ इनकार किया और हारियानो के वार वार आग्रह करने पर मारकंडा ऋषि नोर ने हरियानो की एक नही सुनी और मार्कंडेय ऋषि पेडचा के अस्थाई शिविर में वैठे और रात करीब 2 वजे भीषण अग्निकांड हुआ जिसमें देवी देवताओं की कृपा से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है।

आदित्य ने बताया कि यह एक देव्या चमत्कार हुआ है। उन्होंने कहा कि देवी देवताओं की कृपा से बड़ा हादसा होने से टला है और आगजनी की घटना से लाखों का नुकसान हुआ है। उल्लेखनीय है कि अग्नि के तांडव ने उत्सव में विराजमान देवी- देवताओं के अस्थायी शिविरों को आगोश में लिया है। बता दे की आगजनी की घटना के समय शिविरों में देवी देवता विराजमान थे, वहीं कारकून भी सोए हुए थे। अचानक भडक़ी लपटों से अफरा तफरी का माहौल पैदा हुआ और घटना में करीब 13 देवी-देवताओं के टैंट जले। दशहरा उत्सव के इतिहास में पहली बार अठारह करडू की सौह में देवी देवताओं के अस्थायी शिविरों में आग की घटना घटी है। आदित्य ने बताया कि देवी देवताओं को टैंट से बाहर निकलते समय सोना चांदी के देव आभूषण भी गायब हुए हैं। उन्होंने कहा कि 25 हजार की राहत ऊंट के मुंह में जीरा के समान है और सरकार को यह राशि बढ़ानी चाहिए। उन्होंने भगवान व देवी देवताओं से प्रार्थना की है कि इस आगजनी में जो लोग घायल व झुलसे हैं उनका स्वास्थ्य शीघ्र ठीक हो जाए और उनके स्वस्थ होने की कामना की है।