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देवसदन देव कार्यों के लिए ही हो प्रयोग
देव सदन में हुई बैठक लिए कई निर्णय
तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। गुर-पुजारी संघ देव संस्कृति के निर्णयों को लेकर उग्र हो गया है। आज देव सदन में गुर-पुजारी संघ की सामूहिक बैठक हुई जिसमें कई प्रस्ताव पास किए गए। गुर-पुजारी संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि देव नीति के निर्णयों में कारदार संघ का एकाधिकार नहीं चलेगा। गुर संघ के अध्यक्ष अमर सिंह महंत व पुजारी संघ के अध्यक्ष धनीराम चौहान ने कहा कि कारदार संघ देव समाज का ठेकेदार बना हुआ है और सरकार व प्रशासन ने भी इसी संघ को देव नीति का ठेका दे रखा है जो उचित नहीं। जिस कारण देव समाज व देव नीति में विघ्न पड़ रहा है। कारदार राजनीति कर रहा है और देव समाज के तीन स्तंभों जिस पर देव नीति टिकी हुई है को दरकिनार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह से देव समाज में दरार पड़ती है । उन्होंने कहा कि देव समाज तीन स्तंभों पर टिका है। जिसमें पुजारी,गुर,व बजयंत्री शामिल है और कारदार सिर्फ मैनेजमेंट का कार्य करता है लेकिन कारदार जिला प्रशासन व सरकार के समक्ष अपने आप को ही देव समाज का सर्वोपरि बता रहा है। उन्होंने कहा कि पुजारी के बीना देवता की सुवह नहीं होती और पुजारी देवता के अंग संग 24 घण्टे रहता है। इसी तरह बजयंत्री के बिना देवता चल ही नहीं पाता और गुर के बिना देव बाणी नहीं हो सकती। इन तीन स्तंभों के बिना देवता अधूरा है और देवनीति चल ही नहीं सकती लेकिन कारदार संघ प्रशासन के सामने देवता का ठेकेदार बना हुआ है और इन तीन स्तंभों की समस्याओं के बारे कोई बात नहीं करता। उन्होंने कहा कि कारदारों का यही रवैया रहा तो यह लड़ाई लंबी चलेगी। गौर रहे कि पुजारी,गुर व बजयंत्री संघ की मांग रही है कि उनके संघ को भी दशहरा कमेटी का स्थाई सदस्य बनाया जाए और पुजारी संघ को देव सदन में कार्यालय दिया जाए। लेकिन कारदार संघ इनकी मांगों को सिरे नहीं चढ़ने दे रहा है।बॉक्स
यह प्रस्ताव हुए पास
पुजारी संघ व गुर संघ को भी दशहरा कमेटी का स्थाई सदस्य बनाया जाए ताकि देव नीति के सही निर्णय हो सके। देव सदन में देवी-देवताओं व ऋषि मुनियों द्वारा लिखित ग्रन्थों का संग्रहालय बनाया जाए। कम से कम दशहरा पर्व के दौरान देव सदन को रखा जाए। जिसमें कारदार,पुजारी,गुर व बजयंत्री अपनी बैठकें कर सकें। सभी गुरों व पुजारियों को दशहरा पर्व के दौरान मानदेय दिया जाए। मणिकर्ण में होने बाले दशहरा पर्व में भी पुजारियों व गुरों को मानदेय दिया जाए।
पूजा पद्दति की सामग्री के 25 हजार सालाना का हिसाब दें कारदार
बैठक में कारदार संघ पर आरोप लगा है कि प्रदेश सरकार से रिवोल्विंग फंड से जो पूजा पद्दति के लिए हर वर्ष माफिदार देवता को 25 हजार आता है और गैर माफिदार देवता को 11 हजार आता है वह कहां जाता है। जबकि वह पैसा पुजारी को आना चाहिए था ताकि वह पूजा की सामग्री ले सके लेकिन वह धनराशि अभी तक गायब है। इस गबन की गई धनराशि का हिसाब कारदारों को देना चाहिए।