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तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। देवी-देवता पुजारी व गुर संघ ने कारदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दशहरा पर्व से ठीक पहले कारदारों को चेतावनी भी दे डाली है। पुजारी- गुर संघ ने कारदारों को स्पष्ट किया है कि कारदार देवी-देवताओं के सर्वोपरि तभी होंगें जब वे देवता की सारी चाकरी खुद करेंगें। कारदार खुद पूजा करें,खुद बाजा उठाएं और खुद ही गुर की भूमिका निभा कर अपने पेट में कटार भरें। पुजारी-गुर संघ की एक संयुक्त बैठक हुई और इस बैठक में कारदार संघ के उस बयान का विरोध किया गया जिसमें कहा गया है कि देवी-देवताओं के सर्वो परी कारदार ही है अन्य कोई नहीं। पुजारी कल्याण संघ के अध्यक्ष धनी राम चौहान ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से देव समाज में दरार पड़ती है और इस तरह का बयान भर्मित करने बाला है। उन्होंने कहा कि देव समाज तीन स्तंभों पर टिका है। जिसमें पुजारी,गुर,व बजयंत्री शामिल है और कारदार सिर्फ मैनेजमेंट का कार्य करता है लेकिन कारदार जिला प्रशासन व सरकार के समक्ष अपने आप को ही देव समाज का सर्वोपरि बता रहा है। उन्होंने कहा कि पुजारी के बीना देवता की सुवह नहीं होती और पुजारी देवता के अंग संग 24 घण्टे रहता है। इसी तरह बजयंत्री के बिना देवता चल ही नहीं पाता और गुर के बिना देव बाणी नहीं हो सकती। इन तीन स्तंभों के बिना देवता अधूरा है और देवनीति चल ही नहीं सकती लेकिन कारदार संघ प्रशासन के सामने देवता का ठेकेदार बना हुआ है और इन तीन स्तंभों की समस्याओं के बारे कोई बात नहीं करता। उन्होंने कहा कि 25 अक्तूबर को तीनों संघों की सामूहिक बैठक देव सदन में होगी और आगामी रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि कारदारों का यही रवैया रहा तो यह लड़ाई लंबी चलेगी। गौर रहे कि पुजारी,गुर व बजयंत्री संघ की मांग रही है कि उनके संघ को भी दशहरा कमेटी का स्थाई सदस्य बनाया जाए और पुजारी संघ को देव सदन में कार्यालय दिया जाए। लेकिन कारदार संघ इनकी मांगों को सिरे नहीं चढ़ने दे रहा है।