तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। सरकार व जिला प्रशासन से नाराज चल रहे देवी-देवता पुजारी कल्याण संघ ने 11 अक्तूबर को रोष बैठक रखी है। यह बैठक जिला मुख्यालय स्थित निजी होटल गौड निवास में होगी। संघ के महासचिव गुरदयाल शर्मा ने सभी जिला कार्यकारिणी के सदस्यों,खंड स्तर के सदस्यों व पदाधिकारियों को इस बैठक में शामिल होने की अपील की है। वहीं इस बैठक में गुर संघ व बजयंत्री संघ भी शामिल हो सकता है। इस बैठक में आगामी रणनीति तय की जाएगी।
पुजारी संघ के प्रधान धनी राम चौहान ने कहा कि
पुजारी 12 महीने 24 घंटे देवी-देवताओं और मंदिर में ड्यूटी देता है और पुजारियों के बगैर देवताओं का कोई भी कार्य नहीं होता। तब भी पुजारियों को उनके हक हकूकों से भाजपा सरकार की तरह कांग्रेस ने भी बंचित रखा है।
दशहरे में पुजारी संघ को सदस्य तक नहीं बनाया जाता और न ही किसी देव संबंधित बैठक में बुलाया जाता है। उन्होंने मांग रखी थी कि पुजारी संघ को दशहरा कमेटी में स्थाई सदस्य बनाया जाए तथा देव संबधित कोई भी बैठक हो उसमें भी पुजारी संघ को बुलाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया है कि
यहां तो अंग्रेजों के राज का कानून चला है। कारदार को सब कुछ बना रखा है। बाकि सभी संगठन गूर संघ, बजयंत्री संघ, पुजारी संघ को दरकिनार कर रखा है। जब कि कारदार सिर्फ प्रबंधक होता है। ऊपर लिखित संगठनों के बगैर देवनीति और देव समाज चल ही नहीं सकता। इन संगठनों को भी दशहरा कमेटी में स्थाई सदस्य बनाया जाए और हर देव संबधी बैठक में बुलाया जाए, ताकि न्याय मिले और सभी संगठन अपने विचार रख सकें और भेदभाव से निजात मिले। उन्होंने कहा कि देव सदन के होते हुए भी
पुजारी कल्याण संघ अपना रिकार्ड किराये के कमरे में रखने को मजबुर है। बैठकें ग्राउंड में करते आए हैं। हमने सरकार से मांग की है कि कारदार संघ की तरह हमें भी देव सदन में एक कमरा दिया जाए, ताकि हमारी बैठक वहां होती रहे और पुस्तकालय भी रखा जाए, जिसमें देववाणी संस्कृत में लिखी गई पुस्तकें अध्ययन के लिए और शोध के लिए रखी जाए। पूजा पद्धति के लिए सरकार से जो पैसा देवलयों को आती है। यह सीधा पुजारियों को मिलना चाहिए, उसको जिस प्रपत्र पर कारदारों को दिया जाता है। यह कई जगह पुजारियों तक पहुंचता ही नहीं।
दशहरे में कारदार संघ, गूर संघ,बजयंत्री संघ की तरह पुजारियों को भी भत्ता मिलना चाहिए। जो सबसे ज्यादा दिन रात ड्यूटी देता है और पुजारी के वगैर कोई भी देव कार्य हो ही नहीं सकता।
पुजारियों की अनदेखी नहीं होगी सहन 11 को रोष बैठक बैठक में बनेगी आगामी रणनीति
