तूफान मेल न्यूज, कुल्लू। मुख्यमंत्री द्धारा पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में बारिश से हुए नुकसान पर प्रदेश के सांसदों पर की टिपण्णी पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा संज्ञान लेते हुए भयंकर बारिश से हुए जान माल के नुकसान पर मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा किया है। मीडिया को जारी संयुक्त बयान में प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा और प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अमित सूद ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि प्रदेश के सांसदों के ऊपर टिपण्णी करने से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू इस आपदाकाल में अपना रिपोर्ट कार्ड प्रदेश की जनता के समक्ष रखे ताकि इस सरकार की कारगुजारी का प्रदेश की जनता को भी पता चले।

बयान के माध्यम से पूछा गया कि मुख्यमंत्री बताए की क्यूं अभी ज्यादातर आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में मुख्यमंत्री , प्रशासन और कोई सरकार का नुमाइंदा जनता की सुध लेने नहीं पहुंचा और कोई भी राहत इन क्षेत्रों में अभी तक क्यों नहीं पहुंच पाई। बयान के माध्यम से मुख्यमंत्री से दूसरा प्रश्न यह पूछा गया कि जो लोग इस आपदा में अपना परिवार ,घर व जमीन सब कुछ खो चुके हैं उनको लेकर सरकार ने अभी तक क्या किया है? क्या कोई योजना सरकार ने इन प्रभावितों के लिए बनाई है अथवा नहीं। मुख्यमंत्री से तीसरा प्रश्न करते हुए यह पूछा गया की अब तक हजारों करोड़ की केंद्रीय मदद मिलने के बाद भी प्रदेश सरकार जमीनी स्तर पर राहत कार्य शुरू करवाने में सफल क्यों नहीं हो पा रही है? साथ ही प्रदेश सरकार के मुखिया यह भी बताए कि अगर केंद्र सरकार प्रदेश की मदद नहीं कर रही तो सेना के हेलिकॉप्टर, एनडीआर एफ व अन्य एजेंसियां किसके कहने पर प्रदेश में राहत कार्यों में डटी हैं?

संयुक्त बयान में प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भारी बरसात में हो रही भारी तबाही के ऊपर अपनी असफलता को छुपाने के लिए कांग्रेस पार्टी के मुखिया ध्यान भटकाने के लिए ऐसे ओछे बयान दे रहे हैं और सरकार का हर एक चेहरा इस त्रासदी पर केवल और केवल राजनिति करने पर उतारू है। इसके साथ ही बयान में कहा गया कि कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी अपने चरम पर है और इसी गुटबाजी के चलते मुख्यमंत्री का यह बयान अपने सांसद जो की हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्षा भी हैं को कटघरे में खड़ा कर अपनी ही पार्टी में विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए सोची समझी चाल का एक हिस्सा मात्र है।